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केरल में कोरोना का खतरा बढ़ा, एक लाख से ज्यादा एक्टिव मामले

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार को बताया कि पिछले 24 घंटे के भीतर देश में कोरोना वायरस के 46 हजार नए केस सामने आए हैं

Updated on: 26 Aug 2021, 07:04 PM

highlights

  • देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर के बाद केंद्र और राज्य सरकारें अलर्ट मोड़ पर हैं
  • इस बीच देश के कुछ राज्यों में तेजी के साथ कोरोना केस बढ़ने की खबर सामने आई
  • केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि केरल में 1 लाख से ज्यादा एक्टिव केस हैं

नई दिल्ली:

देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर के बाद केंद्र और राज्य सरकारें अलर्ट मोड़ पर हैं. यही वजह है कि देश में कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर चलाए जा रहे अभियान को तेज कर दिया गया है. जिसके अंतर्गत देश में हर रोज लाखों लोगों को कोरोना वैक्सीन लगाई जा रही है. इस बीच भारत में कोरोना की तीसरी लहर की आशंका भी बनी हुई है. हालांकि कुछ वैज्ञानिकों का कहना है कि कोरोना की तीसरी लहर दूसरी लहर जितनी प्रभावी नहीं रहेगी. बावजूद इसके पूरी सावधानी बरती जा रही है. लेकिन इस बीच देश के कुछ राज्यों में तेजी के साथ कोरोना केस बढ़ने की खबर सामने आई है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार को बताया कि पिछले 24 घंटे के भीतर देश में कोरोना वायरस के 46 हजार नए केस सामने आए हैं, जिनमें से 58 प्रतिशत केस अकेले केरल राज्य से हैं. 

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केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने एक प्रेस वार्ता में कहा कि केरल में 1 लाख से ज्यादा एक्टिव केस हैं. जबकि महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में 10,000 से 1 लाख सक्रिय मामले हैं. उन्होंने कहा कि देश के कुल कोरोना वायरस के केसों में केरल का योगदान 51%, महाराष्ट्र में 16% और बाकी तीन राज्यों का योगदान देश के 4-5% है. उन्होंने कहा कि देश में पिछले 24 घंटे में 46,000 नए मामले सामने आए हैं. इनमें से 58 फीसदी मामले केरल से सामने आए. वहीं, बाकी राज्यों में अभी भी गिरावट का रुख दिख रहा है.  गौरतलब है कि पिछले 24 घंटों में देश में वैक्सीन की 80 लाख खुराकें दी गईं.

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आईसीएमआर के डायरेक्टर जनरल डॉ बलराम भार्गव ने कहा कि अभी भी 41 जिलों में साप्ताहिक टेस्ट पॉजिटिविटी रेट 10% से अधिक ,जबकि 26 जिलों में 5% से अधिक है. टीकाकरण के बाद भी संक्रमण को रोकना मुश्किल है, इसलिए कोविड-19 एप्रोप्रियेट बिहेवियर और मास्क का पालन करें. हमारे पास भी ऐसी जानकारी है कि कुछ जगह जाली डिजिटल वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट बनाए जा रहे हैं लेकिन हमारी एप्लीकेशन के जरिए इसकी पुष्टि हो जाती है. हमेशा राज्य सरकारों के पास ढाई करोड़ से अधिक वैक्सीन की डोज बकाया रहती है.