राजनीतिक संकट की ओर तमिलनाडु, दिनाकरन ने पलानीसामी के मंत्री को AIADMK से निकाला
जयललिता के निधन के बाद तीन गुटों में बटी ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) में वर्चस्व की लड़ाई जारी है।
highlights
- दिनाकरन ने मंत्री आरबी उदय कुमार को पार्टी से निकाला
- दिनाकरन के समर्थन में हैं 19 विधायक, संकट में पलानीसामी-पन्नीरसेल्वम गुट
- हाल ही में पलानीसामी-पन्नीरसेल्वम गुट हुआ एक
नई दिल्ली:
जयललिता के निधन के बाद तीन गुटों में बटी ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) में वर्चस्व की लड़ाई जारी है।
जेल में बंद शशिकला के भतीजे टीटीवी दिनाकरन ने बुधवार को तमिलनाडु के मंत्री आरबी उदय कुमार को पार्टी से निकाल दिया। उदय कुमार मुख्यमंत्री पलानीसामी गुट के माने जाते हैं।
दिनाकरन के साथ 19 विधायक
टीटीवी दिनाकरन के नेतृत्व वाली पार्टी के धड़े ने मुख्यमंत्री के. पलानीसामी की सरकार से समर्थन वापस ले लिया है। साथ ही दिनाकरन ने अपने समर्थक 19 विधायकों को पुडुचेरी भेज दिया। जहां सभी को होटल में रखा गया है।
ताकि एआईएडीएमके के पलानीसामी-पन्नीरसेल्वम गुट उनसे संपर्क नहीं कर सकें और कोई खरीद-फरोख्त न हो सके। दिनाकरन गुट द्वारा पलानीसामी सरकार से समर्थन वापस लेने से सरकार अल्पमत में आ गई है।
वहीं एआईएडीएमके के कार्यकर्ताओं ने बुधवार को पुडुचेरी में होटल के बाहर प्रदर्शन किया।
#AIADMK supporters hold protest near Windflower resort in Puducherry where MLAs supporting TTV Dhinakaran are lodged pic.twitter.com/Ottxe4YJIM
— ANI (@ANI) August 23, 2017
दिनाकरन गुट सत्तारूढ़ पार्टी में अपने को अलग-थलग किए जाने से परेशान है। सत्तारूढ़ पार्टी के दो गुटों (पलनीस्वामी गुट व पूर्व मुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम गुट) का सोमवार को ही विलय हुआ है। विलय हुई पार्टी ने शशिकला को महासचिव पद से बर्खास्त करने का फैसला किया है।
दिनाकरन गुट के 19 विधायक मंगलवार को राजभवन में राज्यपाल से मिले थे।
दिनाकरन गुट के राज्यपाल से मिलने के बाद मुख्यमंत्री पलनीस्वामी व उप मुख्यमंत्री पन्नीरसेल्वम ने विचार-विमर्श किया। उनकी बैठक का विवरण या सरकार पर आए खतरे का मुकाबला के लिए उनकी क्या योजना है, इसका पता नहीं चल सका है।
घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए सदन के विपक्ष के नेता स्टालिन ने राव को लिखे एक पत्र में कहा, "मुख्यमंत्री से बहुमत साबित करने में की गई कोई अपरिहार्य देरी एक असंवैधानिक सरकार को जारी रखने का रास्ता दे सकती है और यह सदन में पूर्व के विश्वास मत परीक्षण की स्थापित मिसाल व लोकतांत्रिक नियमों को अस्थिर करेगी।"
पीएमके के रामदॉस ने कहा कि दिनाकरन के समूह के 19 विधायकों ने राज्यपाल से कहा कि उन्होंने सरकार से समर्थन वापस ले लिया है। इस वजह से एआईएडीएमके सरकार ने विधानसभा में बहुमत खो दिया है।
विपक्ष हमलावर
एआईएडीएमके के विधानसभा में 134 सदस्य है। इसमें विधानसभा अध्यक्ष शामिल नहीं है। पीएमके के रामदॉस ने कहा कि अब यह संख्या 115 हो गई है। उन्होंने कहा कि तीन अन्य विधायकों ने भी दिनाकरन के समर्थन की बात कही है। इससे एआईएडीएमके विधायकों की संख्या 112 ही रह गई है और सरकार अल्पमत में आ गई है।
तमिलनाडु विधानसभा में 234 सीट है। एक सीट एआईएडीएमके की नेता जे. जयललिता के निधन से खाली है।
डीएमके के 89 सदस्य हैं। कांग्रेस के 8 व आईयूएमएल का एक सदस्य है। विधानसभा अध्यक्ष पी. धनपल सिर्फ मत बराबर रहने की हालत में वोट कर सकते हैं। कांग्रेस, आईयूएमएल व डीएमके का गठबंधन है।
और पढ़ें: मोदी सरकार ने दिये संकेत, तीन तलाक पर नए कानून की जरूरत नहीं
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