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प्रधानमंत्री ने कोविड मानदंडों का पालन करने के लिए महिला की प्रशंसा की

पूजा ने अपनी जिंदगी के इस सबसे मुश्किल दौर को एक कविता (कोविड में मां की मजबूरी) के जरिए बयां किया. उन्होंने अपना दर्द एक पत्र में व्यक्त करने के बाद प्रधानमंत्री को भेजा.

Updated on: 19 Jun 2021, 02:34 PM

highlights

  • गाजियाबाद निवासी पूजा वर्मा और उनके पति अप्रैल में कोरोना संक्रमित हो गए
  • उन्होंने अपने 6 साल के बेटे को दूसरे कमरे में रखने का फैसला किया

नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बाद अपने 6 साल के बेटे से अलग होने वाली मां की हिम्मत के लिए उनकी तारीफ की है. मां ने प्रधानमंत्री को एक पत्र लिखा और एक कविता के माध्यम से अपनी आपबीती सुनाई. गाजियाबाद निवासी पूजा वर्मा और उनके पति अप्रैल में कोरोना संक्रमित हो गए, जिसके बाद उन्होंने अपने घर के अलग-अलग कमरों में खुद को आइसोलेट कर लिया. अपने बेटे को वायरस से सुरक्षित रखना उनके लिए एक चुनौती थी. उन्होंने अपने 6 साल के बेटे को दूसरे कमरे में रखने का फैसला किया. पूजा, उनके पति और उनका बेटा एक ही घर में अलग-अलग कमरों में 14 दिनों तक रहते रहे. यह उनके जीवन का सबसे कठिन समय था क्योंकि पूजा ने उसी घर में रहते हुए अपने बेटे से वीडियो कॉल पर बात की थी. उन्होंने उसके लिए बाहर से खाना मंगवाया और उसे आराम दिया, जिससे वह अकेला महसूस न कर सके.

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पूजा ने अपनी जिंदगी के इस सबसे मुश्किल दौर को एक कविता (कोविड में मां की मजबूरी) के जरिए बयां किया. उन्होंने अपना दर्द एक पत्र में व्यक्त करने के बाद प्रधानमंत्री को भेजा. हालांकि, उन्होंने और उनके पति ने कभी नहीं सोचा था कि कोई जवाब आएगा. 36 वर्षीय पूजा वर्मा ने आईएएनएस को बताया, "मेरे पति पहले 6 अप्रैल को कोरोना संक्रमित हो गए थे, हमने यशोदा अस्पताल में उनका टेस्ट करवाया. कुछ दिनों बाद ही मुझे भी कोरोना वायरस के लक्षण दिखाई देने लगे और बाद में मेरा परीक्षण भी पॉजिटिव आया." उन्होंने कहा माता-पिता दोनों के संक्रमित होने के बाद, उनकी पीड़ा शुरू हो गई क्योंकि उनके बेटे ने अकेले रहने से इनकार कर दिया. "हम उसके लिए बाहर से खाना मंगवाते थे और उसे पढ़ने और खेलने के लिए कहते थे और उसे कमरे से बाहर न आने के लिए कहते थे."

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उन्होंने आगे कहा, "मैंने अपनी जिंदगी के उन पलों का वर्णन करते हुए एक कविता लिखी और 25 अप्रैल को प्रधानमंत्री को भेजी. कुछ दिनों बाद पीएमओ से हमारा हाल जानने का फोन आया. उन्होंने हमें बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने आपकी कविता पढ़ी और उन्हें बहुत अच्छी लगी. फिर 8 जून को प्रधानमंत्री जी से मेरी कविता का उत्तर मिला जिसमें उन्होंने मेरी प्रशंसा की." पूजा वर्मा को प्रधानमंत्री के जवाब में कहा गया, "आपने अपने बच्चे से बिछड़ते हुए कोरोना से लड़ने वाली मां के मन में जो ख्याल आते हैं, उन्हें आपने शब्दों में पिरोया है, बहुत अच्छा लिखा है. कविताएं संवाद का सशक्त माध्यम हैं. मन के विचारों और भावनाओं को शब्दों में व्यक्त करने की अद्भुत क्षमता है. आपकी कविता में एक मां के प्यार, स्नेह, बच्चे से दूर होने की उसकी चिंता जैसे कई भाव शामिल हैं."