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'कुंभ को प्रतीकात्मक रखा जाए', कोरोना अटैक के बाद संतों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील

कुंभ में बेकाबू होते कोरोना संक्रमण को लेकर अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी चुप्पी तोड़ी है. उन्होंने कोरोना के बीच कुंभ को लेकर अपील बड़ी की है.

Updated on: 17 Apr 2021, 10:51 AM

नई दिल्ली:

उत्तराखंड के हरिद्वार में आस्था के महाकुंभ के बीच कोरोना विस्फोट हो गया. कुंभ में शामिल हुए श्री पंच निर्वाणी अखाड़े के महामंडलेश्वर कपिल देव दास का कोविड संक्रमण के कारण निधन हो गया तो कई साधु-संत भी इस महामारी की चपेट में आ गए हैं. कुंभ में बेकाबू होते कोरोना संक्रमण को लेकर अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी चुप्पी तोड़ी है. उन्होंने कोरोना के बीच कुंभ को लेकर अपील बड़ी की है. पीएम मोदी ने आचार्य महामंडलेश्वर पूज्य स्वामी अवधेशानंद गिरि को फोन कर पहले सभी संतों का हाल चाल जाना और फिर कुंभ को प्रतीकात्मक रखने की अपील की. इस पर स्वामी अवधेशानंद ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को ट्वीट किया, 'आचार्य महामंडलेश्वर पूज्य स्वामी अवधेशानंद गिरि जी से आज फोन पर बात की. सभी संतों के स्वास्थ्य का हाल जाना. सभी संतगण प्रशासन को हर प्रकार का सहयोग कर रहे हैं. मैंने इसके लिए संत जगत का आभार व्यक्त किया.'

उन्होंने एक अन्य ट्वीट में लिखा, 'मैंने प्रार्थना की है कि दो शाही स्नान हो चुके हैं और अब कुंभ को कोरोना के संकट के चलते प्रतीकात्मक ही रखा जाए. इससे इस संकट से लड़ाई को एक ताकत मिलेगी.'

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प्रधानमंत्री की इस अपील के बाद आचार्य महामंडलेश्वर पूज्य स्वामी अवधेशानंद ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने ट्वीट का जवाब देते हुए सभी साधु संतों और जनता से भारी संख्या में स्नान के लिए न आने का आग्रह किया है. स्वामी अवधेशानंद ने ट्वीट में लिखा, 'माननीय प्रधानमंत्री जी के आह्वान का हम सम्मान करते हैं. जीवन की रक्षा महत पुण्य है. मेरा धर्म परायण जनता से आग्रह है कि कोविड की परिस्थितियों को देखते हुए भारी संख्या में स्नान के लिए न आएं एवं नियमों का निर्वहन करें.'

आपको बता दें कि हरिद्वार में चल रहे कुंभ में अब तक कई साधु संत कोरोना पॉजिटिव आए हैं. चिंता की बात यह है कि कुंभ में बहुत बड़ी संख्या में लोग पहुंचेंगे और ऐसे में उनके कोरोना की चपेट में आने का डर है. फिलहाल महाकुंभ को लेकर निरंजनी और आनंद अखाड़े ने पहले ही समाप्ति का ऐलान कर दिया है. बैशाखी स्नान के बाद निरंजनी अखाड़े और उसके सहयोगी अखाड़े आनंद ने शुक्रवार को अपनी तरफ से कुंभ समाप्ति की घोषणा की. लेकिन 13 अखाड़ों में सबसे बड़े जूना अखाड़े का कहना है कि वह कुंभ समाप्ति तक बने रहेंगे. 26 मई को ही हरिद्वार से कुंभ समाप्ति के बाद वह रवाना होंगे.