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कोरोना के अटैक से स्वास्थ्य सेवाएं धड़ाम, टेस्ट रिपोर्ट का इंतजार बढ़ा रहा संक्रमण की रफ्तार

कोरोना की दूसरी लहर ने उत्तर प्रदेश में हाहाकार मचा रखा है. इस महामारी का संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है. स्वास्थ्य सेवाएं धड़ाम हो चुकी हैं.

Updated on: 17 Apr 2021, 08:54 AM

highlights

  • कोरोना के अटैक से स्वास्थ्य सेवाएं धड़ाम
  • रिपोर्ट का इंतजार बढ़ा रहा संक्रमण की रफ्तार
  • हफ्ते भर में नहीं मिल रही कोरोना की रिपोर्ट

लखनऊ:

कोरोना की दूसरी लहर ने उत्तर प्रदेश में हाहाकार मचा रखा है. इस महामारी का संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है. स्वास्थ्य सेवाएं धड़ाम हो चुकी हैं. इलाज के अभाव में बीमारी का प्रसार लगातार बढ़ता जा रहा है तो कोरोना की टेस्टिंग की व्यवस्था भी पूरी तरह से चरमरा गई है. अव्यवस्था का आलम यह है कि संदिग्ध मरीज को जांच कराने के बाद रिपोर्ट के लिए कई दिनों तक इंतजार करना पड़ रहा है. ऐसे में संक्रमण के और अधिक तेजी से फैलने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं, जो बेहद चिंताजनक हैं. क्योंकि अगर कोई संक्रमित हो चुका है और उसकी रिपोर्ट अभी तक नहीं मिली तो समझ लीजिए कि वह अपने आसपास के लोगों को भी इसकी चपेट में ले सकता है.

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लखनऊ के रहने वाले उमेश सिंह की मानें तो उनको और उनकी पत्नी को सर्दी-जुकाम के लक्षण थे. 12 अप्रैल को उन्होंने अपनी जांच लोकबंधु में करवाई, मगर रिपोर्ट उन्हें अभी तक नहीं मिली है. उन्हें संक्रमण का अंदेशा दिखने के कारण जब रिपोर्ट में देरी लगी तो वह प्राइवेट लैब पहुंचे, वहां पर हलात और भी खराब थे. उन्होंने बताया कि दो लैबों में करीब 100-100 की लाइन देखकर वह लौट आए फिर उन्होंने अपनी जांच अपोलों में करवाई जिसकी रिपोर्ट आनी बाकी है.

लखनऊ के ही रहने वाले शुभम गुप्ता बताते हैं कि 11 अप्रैल को उनके पिता को कोविड हुआ था. अस्पताल में भर्ती न होने के कारण उन्हें तीमारदारी करनी पड़ी. इसके बाद वह भर्ती हो गये. उसी दिन शुभम को संक्रमण के कुछ लक्षण नजर आए तो उन्होंने चंदरनगर की टीम से अपने पूरे परिवार की आरटीपीसीआर जांच कराई थी. जिसकी रिपोर्ट आज तक नहीं आयी है.

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ऐसे हालात यूपी के बड़े शहरों के हैं तो इसे देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि गांव-देहात के इलाकों में स्थिति और भी बदतर हो सकती है. उधर, विशेषज्ञ की मानें तो कोरोना जांच रिपोर्ट अधिकतम समय 24 घंटे में आ जाती है. अगर ज्यादा व्यस्तता है तो 48 इससे ज्यादा समय नहीं लगना चाहिए. अगर संदिग्ध कोरोना जांच के अभाव में बाहर निकलेगा तो वह अपने साथ कई लोगों को चपेट में आ सकता है. इसलिए संदिग्ध व्यक्ति भी जब तक जांच न हो जाए तब तक बाहर न निकले तो उसके लिए अच्छा रहेगा.

इस पर उत्तर प्रदेश के महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य डॉ. डीएस नेगी ने बताया कि वर्तमान समय में केसों की संख्या अधिक है इसीलिए जांच रिपोर्ट आने में समय लग रहा है. जैसे केस कम होंगे वैसे रिपोर्ट भी समय आने लगेगी. इस पर तेजी से काम हो रहा है.

(इनपुट - आईएएनएस)