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PM नरेंद्र मोदी बोले- आर्थिक पैकेज की चौथी किस्त से अवसर बढ़ेंगे, अर्थव्यवस्था में मिलेगी ये मदद

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने कहा है कि सरकार द्वारा शनिवार को घोषित आर्थिक उपायों से कारोबार के अवसर बढ़ेंगे और अर्थव्यवस्था का कायाकल्प करने में मदद मिलेगी.

Updated on: 16 May 2020, 09:47 PM

दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने कहा है कि सरकार द्वारा शनिवार को घोषित आर्थिक उपायों से कारोबार के अवसर बढ़ेंगे और अर्थव्यवस्था का कायाकल्प करने में मदद मिलेगी. मोदी ने ट्वीट किया कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने शनिवार को जो घोषणाएं की हैं उनमें कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों मसलन कोयला, खनिज, रक्षा, विमानन, अंतरिक्ष और परमाणु ऊर्जा को शामिल किया गया है.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इन उपायों और सुधारों से कारोबार के नए अवसर पैदा होंगे. इनसे आर्थिक रूपांतरण में मदद मिलेगी. प्रधानमंत्री ने कोविड-19 से प्रभावित अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की घोषणा की थी. सीतारमण ने शनिवार को इसी पैकेज की चौथी किस्त का ब्योरा जारी किया.

भारत को एमआरओ हब बनाने के लिए कदम उठाएगी सरकार : सीतारमण

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि सरकार देश को विमानों के रखरखाव, मरम्मत और ओवरहॉल (एमआरओ) का हब बनाने के लिए कदम उठा रही है. सीतारमण ने शनिवार को आर्थिक पैकेज की चौथी किस्त की घोषणा करते हुए कहा, यदि हम भारत को एक बड़ा केंद्र बना पाते हैं, तो इससे नागर विमान ही नहीं, रक्षा विमान क्षेत्र को भी लाभ होगाा. इससे सभी एयरलाइंस के लिए रखरखाव की लागत घटेगी. अंत में इसका लाभ यात्रियों को मिलेगा. उनके लिए यात्रा की लागत घटेगी.

उन्होंने छह और हवाई अड्डों की नीलामी सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल के आधार पर करने की घोषणा की. वित्त मंत्री ने कहा कि भारतीय हवाई क्षेत्र के बेहतर इस्तेमाल के लिए कदम उठाए जा रहे हैं. वित्त मंत्री ने कहा कि एक प्रतिस्पर्धी भारतीय एमआरओ उद्योग से स्थानीय एयरलाइंस को इस तरह के कार्यों पर खर्च घटाने में मदद मिलेगी. अभी तक यह काम ज्यादातर विदेशों में किया जाता है. उन्होंने कहा कि भारत दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते विमानन बाजारों में है और इसमें ऊंची वृद्धि की क्षमता है.

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सीतारमण ने कहा कि एमआरओ के लिए भारत के पास क्षमता, श्रमबल और कौशल है. उन्होंने कहा कि अभी विमान कलपुर्जा मरम्मत और एयरफ्रेम रखरखाव क्षेत्र 800 करोड़ रुपये का है. यह अगले तीन साल में 2,000 करोड़ रुपये पर पहुंच जाएगा आर्थिक समीक्षा 2019-20 के अनुसार भारतीय विमानन कंपनियों का एमआरओ सेवाओं का सालाना आयात 9,700 करोड़ रुपये के बराबर है.

इन घोषणाओं के बाद नागर विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि ऐतिहासिक प्रणालीगत सुधारों से देश के नागर विमानन क्षेत्र को प्रोत्साहन मिलेगा. उन्होंने ट्वीट किया, इन स्वागतयोग्य कदमों से विमान यात्रियों और अन्य सभी अंशधारकों को लाभ होगा. उन्होंने कहा, आत्म-निर्भर अर्थव्यवस्था के लक्ष्य के तहत कई वैश्विक इंजन विनिमार्ता आगामी वर्षों में भारत में इंजन मरम्मत सुविधाएं लगाएंगे.