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लोकसभा चुनाव

कश्मीर मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक खत्म, आजाद ने रखीं ये 5 बड़ी मांगें

देश की नजरें जम्मू-कश्मीर पर टिकी हैं. इसे लेकर पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की सर्वदलीय बैठक खत्म हो गई है. पीएम मोदी के आवास पर करीब साढ़े तीन घंटे तक जम्मू-कश्मीर के नेताओं (Jammu-Kashmir Leaders) के साथ मंथन चला है.

Updated on: 24 Jun 2021, 07:14 PM

highlights

  • पीएम मोदी ने जम्मू-कश्मीर के नेताओं के साथ की बैठक
  • अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 हटने के बाद पहली बार हुई मीटिंग
  • गुलाम नबी आजाद ने सरकार के सामने रखीं पांच बड़ी मांगें

 

नई दिल्ली:

देश की नजरें जम्मू-कश्मीर पर टिकी हैं. इसे लेकर पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की सर्वदलीय बैठक खत्म हो गई है. पीएम मोदी के आवास पर करीब साढ़े तीन घंटे तक जम्मू-कश्मीर के नेताओं (Jammu-Kashmir Leaders) के साथ मंथन चला है. बैठक के बाद तमाम कश्मीर के नेता, अधिकारी, उपराज्यपाल आदिल लोग पीएम आवास से बाहर निकल गए हैं. अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 हटने के बाद पहली बार इस बैठक के माध्यम से घाटी में राजनीतिक प्रकिया को मजबूत करने की मंशा है. इस बैठक में जम्मू-कश्मीर चुनाव और परिसीमन को लेकर विस्तृत चर्चा हुई. 

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जम्मू कश्मीर को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आवास पर आयोजित सर्वदलीय बैठक खत्म हो चुकी है. बैठक के बाद कश्मीर के नेता सज्जाद लोन ने कहा कि पीएम मोदी के साथ बैठक सकारात्मक रही, उनके साथ सारे गिले शिकवे दूर हो गए हैं. अपनी पार्टी के अल्ताफ बुखारी ने कहा कि बैठक में जम्मू—कश्मीर के विकास और परिसीमन पर बात हुई. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में चुनाव प्रक्रिया जल्द शुरू होगी.  

कश्मीर मुद्दे पर बैठक खत्म के बाद कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का आभार व्यक्त किया है. आजाद ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि बैठक में सबसे पहले मैंने अपनी बातें रखीं. आर्टिकल-370 हटाने पर सहमति नहीं ली गई. साथ ही सुप्रीम कोर्ट को आर्टिकल-370 पर आखिरी फैसला करना चाहिए.

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गुलाम नबी आजाद ने आगे कहा कि कोविड की वजह से परिसीमन देरी से हुई है. परिसीमन आयोग की बैठक जल्द बुलाई जाए. अगर आयोग परिसीमन की बैठक बुलाता है तो इसका स्वागत किया जाएगा. जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा मिले. कांग्रेस ने सरकार के समक्ष पांच बड़ी मांगें रखी हैं... 

  1. जम्मू-कश्मीर में चुनाव कराना जरूरी है पहली मांग
  2. कश्मीर में लोकतंत्र मजबूत करना है. 
  3.  केंद्र जम्मू-कश्मीर में रोजगार की गारंटी दे
  4. कश्मीरी पंड़ितों की वापसी के लिए कदम उठाए
  5. कश्मीर में राजनैतिक कैदियों को रिहा किया जाए