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अमेरिका को स्वतंत्रता दिवस पर बधाई के साथ PM मोदी ने दे दिया चीन को कड़ा संदेश!

4 जुलाई यानी रविवार को अमेरिका ने अपना स्वतंत्रता दिवस मनाया और इस मौके पर तमाम देशों के नेताओं ने राष्ट्रपति जो बाइडेन को बधाई दी, जिसमें भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल थे.

Updated on: 05 Jul 2021, 09:20 AM

highlights

  • अमेरिका ने रविवार को मनाया स्वतंत्रता दिवस
  • इस मौके पर बाइडेन को PM मोदी ने दी बधाई
  • अमेरिका को बधाई के साथ चीन को कड़ा संदेश
  • चीन की कम्युनिस्ट पार्टी को नहीं दी थी बधाई

नई दिल्ली:

4 जुलाई यानी रविवार को अमेरिका ने अपना स्वतंत्रता दिवस मनाया और इस मौके पर तमाम देशों के नेताओं ने राष्ट्रपति जो बाइडेन को बधाई दी, जिसमें भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल थे. प्रधानमंत्री मोदी अमेरिकी के स्वतंत्रता दिवस पर बाइडेन को बधाई देने के साथ चीन को भी एक कड़ा संदेश दे गए. नरेंद्र मोदी ने अपने बधाई संदेश में चीन का नाम तो नहीं लिया, मगर ऐसा माना जा रहा है कि भारत की तरफ से अमेरिका को बधाई के साथ चीन के लिए भी एक कड़ा संदेश था. ऐसा इसलिए, क्योंकि हाल में चीन की कम्युनिस्ट पार्टी को 100 साल पूरे होने पर भारत ने कोई संदेश नहीं भेजा था और अब अमेरिका को स्वतंत्रता दिवस दिवस पर बधाई प्रधानमंत्री मोदी ने दी है.

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अमेरिका के 245वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और वहां की जनता को बधाई दी. प्रधानमंत्री मोदी ने एक ट्वीट में लिखा, 'जो बाइडन और अमेरिका के लोगों को उनके 245वें स्वतंत्रता दिवस पर हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं. जीवंत लोकतंत्र के रूप में भारत और अमेरिका स्वतंत्रता के मूल्यों को साझा करते हैं. हमारी रणनीतिक साझेदारी का वास्तव में वैश्विक महत्व है.'

अमेरिका को बधाई संदेश के साथ पीएम मोदी ने उसके साथ भारत के संबंधों को और मजबूत बनाने का काम किया, मगर यह चीन के लिए भी एक संदेश था. मालूम हो कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) की स्थापना की 100वीं वर्षगांठ 1 जुलाई को मनाई गई. सीपीसी के 100 साल पूरे होने की खुशी में चीन में जश्न मनाया गया. इस मौके पर सीपीसी को तमाम देशों ने बधाई दी, मगर भारत की तरफ से कोई संदेश नहीं दिया गया. न तो केंद्र की मोदी सरकार के किसी मंत्री और न ही किसी अन्य राजनीतिक दलों ने चीन की कम्युनिस्ट पार्टी को बधाई दी.

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बीजेपी के अलावा न कांग्रेस और न ही किसी अन्य पार्टी ने चीन को तवज्जो दी. इस पर जब भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता से भी पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह कोई सरकारी मामला नहीं था. गौरतलब है कि भारत और चीन के बीच काफी दिनों से एलएसी पर गतिरोध बना हुआ है. चीनी सैनिक लगातार भारत के साथ एलएसी पर विवाद में उलझ रहे हैं. दोनों देशों के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी है, मगर टकराव एक साल से ज्यादा वक्त से जारी है.