अपनी सरकार की महत्वाकांक्षी के-रेल परियोजना के बढ़ते विरोध से बेफिक्र मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन इसकी प्रारंभिक मंजूरी लेने के लिए गुरुवार को राष्ट्रीय राजधानी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे।
के-रेल परियोजना के खिलाफ राज्य में पिछले एक हफ्ते से अधिक समय से बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हो रहे हैं। के-रेल के अधिकारी जब सामाजिक प्रभाव का अध्ययन करने के लिए मार्किं ग स्टोन लगाने की कोशिश कर रहे थे और जहां भी इसे रखा गया, प्रदर्शनकारियों ने इसे उखाड़कर दूर फेंक दिया।
विरोध की पृष्ठभूमि में ही विजयन मोदी से मुलाकात करेंगे और परियोजना पर काम शुरू करने के लिए उनकी अनुमति लेंगे। जाहिर है, के-रेल के वरिष्ठ अधिकारी, जो दिल्ली में हैं, पीएम-सीएम बैठक से पहले रेलवे बोर्ड के अधिकारियों से मिल चुके हैं।
कासरगोड को तिरुवनंतपुरम से जोड़ने वाली यह रेल परियोजना पूरी हो जाने पर 529.45 किलोमीटर की दूरी हाई स्पीड ट्रेनों से लगभग चार घंटों में तय किया जा सकेगा।
नीति आयोग के अनुसार, यह परियोजना 2025 में पूरी होगी और इस पर 1.24 लाख करोड़ रुपये की लागत आ सकती है, जबकि पिनाराई विजयन सरकार द्वारा प्रकाशित विस्तृत परियोजना रिपोर्ट में कहा गया है कि इसकी लागत 63,940 करोड़ रुपये होगी।
पिछले हफ्ते लोकसभा में उस समय अफरा-तफरी मच गई, जब केरल के कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ के सभी सांसदों ने के-रेल परियोजना का कड़ा विरोध किया और माकपा के एकमात्र सांसद ने इसका बचाव किया।
मेट्रोमैन ई.श्रीधरन के नेतृत्व में राज्य के भाजपा नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने हाल ही में दिल्ली में महत्वपूर्ण लोगों से मुलाकात की थी और कहा था कि इस परियोजना को किसी भी कीमत पर अनुमति नहीं दी जानी चाहिए, क्योंकि यह व्यवहार्य नहीं है।
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Source : IANS