सुप्रीम कोर्ट ने पी चिदंबरम को आईएनएक्स मीडिया मामले में फिलहाल फौरी राहत देने से मना कर दिया है. पी चिदंबरम मामले की सुनवाई कर रहे जस्टिस रमन्ना ने मामले को सीजेआई के पास रेफर कर दिया है. चिदंबरम के वकील कपिल सिब्बल ने कोर्ट से राहत की मांग की थी. अब सुनवाई का वक्त और समय सीजेआई तय करेंगे. हालांकि इस बीच दोपहर बाद मामले की सुनवाई हो सकती है. इस दौरान पी चिदंबरम के वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि उन्हें अपील करने का वक्त नहीं मिला. चिदंबरम की ओर से सुप्रीम कोर्ट में चार वकील पेश हुए. उधर मंगलवार रात से लापता पी चिदंबरम को अभी तक कोई पता नहीं चल पा रहा है.
INX मीडिया मामले में पी चिदंबरम पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है. सीबीआई भी लगातार उनकी तलाश में जुटी हुई है. दिल्ली हाई कोर्ट से उनकी अग्रिम जमानत खारिज होने के बाद मंगलवार देर रात को दोबारा सीबीआई की टीम चिदंबरम के घर पहुंची थी. बताया जा रहा है कि सीबीआई की टीम ने उनके घर पर नोटिस चिपकाकर उन्हें दो घंटे के अंदर पेश होने का निर्देश दिया था.
INX मीडिया केस में सीबीआई पी चिदंबरम की भूमिका की जांच कर रही है. जांच एजेंसी ने 15 मई 2017 को यह मामला दर्ज किया था. चिदंबरम पर आरोप है कि वित्तमंत्री रहने के दौरान उन्होंने 2007 में 305 करोड़ रुपये का विदेशी फंड प्राप्त करने के लिए INX मीडिया समूह को एफआईपीबी मंजूरी देने में अनियमितता बरती थी. ईडी ने काले धन को सफेद बनाने (मनी लॉन्डरिंग) को लेकर उनके ऊपर 2018 में मामला दर्ज किया था.
पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम पर आरोप है कि INX को फायदा पहुंचाने के लिए विदेशी निवेश को स्वीकृति देने वाले विभाग फॉरेन इनवेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड (FIPB) ने कई तरह की गड़बड़ियां की थीं. जब कंपनी को निवेश की स्वीकृति दी गई थी उस समय पी. चिदंबरम वित्त मंत्री हुआ करते थे. सीबीआई का आरोप है कि पी चिदंबरम ने अपने पावर का उपयोग कर INX मीडिया को एफआईपीबी से क्लीयरेंस दिलवाया था. सीबीआई के साथ ही इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग का भी केस दर्ज किया गया था, जिसकी जांच प्रवर्तन निदेशालय कर रहा है.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो