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कांग्रेस में बगावत, 'उत्तर-दक्षिण' बयान पर जी-23 का धमाका जम्मू में संभव!

गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad), कपिल सिब्बल Kapil Sibal), राज बब्बर समेत कांग्रेस के जी-23 के नेता राहुल गांधी के 'उत्तर-दक्षिण' बयान पर आज मंथन कर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त कर सकते हैं.

Updated on: 27 Feb 2021, 06:51 AM

highlights

  • जम्मू में शनिवार को मंथन करेंगे कांग्रेस के जी-23 नेता
  • राहुल गांधी के उत्तर-दक्षिण बयान पर सामने रखेंगे स्टैंड
  • गुलाम नबी के साथ हाईकमान के व्यवहार से भी असहज

जम्मू:

आंतरिक और बाहरी झंझावतों से जूझ रही कांग्रेस (Congress) को शनिवार का दिन काफी भारी पड़ सकता है. पूर्व पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के 'उत्तर-दक्षिण' भारत वाले बयान के बाद पार्टी के भीतर ही एक धड़ा इस बयान को लेकर काफी मुखर है. भारतीय जनता पार्टी (BJP) तो खैर पहले ही दिन से हमलावर है. हर गुजरते दिन के साथ अब तो कांग्रेस के भीतर इस बयान पर खाई चौड़ी होती दिख रही है. ऐसे में उत्तर भारत से ताल्लुक रखने वाले पार्टी के असंतुष्ट नेता शनिवार को जम्मू में बड़ा धमाका कर सकते हैं. माना जा रहा है कि गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad), कपिल सिब्बल Kapil Sibal), राज बब्बर समेत कांग्रेस के जी-23 के नेता राहुल गांधी के इस बयान पर आज मंथन कर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त कर सकते हैं. 

शनिवार को ही राहुल जा रहे तमिलनाडू
जी-23 समूह की बैठक उस दिन हो रही है जब राहुल गांधी शनिवार को चुनावी राज्य तमिलनाडु के दौरे पर जा रहे हैं. इसी दिन कांग्रेस के असंतुष्ट नेता जम्मू में शक्ति-प्रदर्शन करेंगे. दरअसल, बिहार विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेस के 23 नेताओं ने पिछले साल अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को खत लिखकर पार्टी के कामकाज के तरीके और नेतृत्व पर सवाल उठाया था. कपिल सिब्बल तो यहां तक कहने से नहीं चूके थे कि मतदाताओं ने अब कांग्रेस को विकल्प मानना तक बंद कर दिया है. तभी से इन नेताओं के समूह को जी-23 नाम से चर्चा मिली है. इस रार के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कपिल सिब्बल, राज बब्बर और विवेक तन्खा शनिवार को जम्मू में एक कार्यक्रम कर रहे हैं. इसमें मनीष तिवारी के भी शामिल होने की उम्मीद है. खास बात यह है कि ये सभी नेता उत्तर भारत से हैं.

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उत्तर-दक्षिण बयान पर काफी मुखर हैं जी-23 नेता
नाम न जाहिर करने की शर्त पर कांग्रेस के जी-23 में शामिल एक वरिष्ठ नेता ने शुक्रवार को न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया कि यह राहुल गांधी के लिए संदेश होगा. उन्होंने कहा, 'हम देश को बताएंगे कि उत्तर से लेकर दक्षिण तक भारत एक है.' पिछले साल जी-23 के नेताओं ने सोनिया गांधी को लिखे खत में पार्टी के कामकाज को लेकर अपनी नाराजगी जताई थी. इन नेताओं ने कांग्रेस के सांगठनिक चुनाव को तत्काल कराने समेत संगठन में जरूरी बदलाव करने की मांग की थी. यह अलग बात है कि न सिर्फ पार्टी अध्यक्ष, बल्कि अन्य कई अहम बातों को मई तक के लिए टाल दिया गया. यही वजह है कि जी-23 के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, 'आज कांग्रेस में जो कुछ हो रहा है, वह पिछले साल दिसंबर में कांग्रेस वर्किंग कमिटी की बैठक में हुई सहमति का उल्लंघन है. किसी सुधार या चुनाव के कोई संकेत नहीं हैं.'

गुलाम नबी आजाद के साथ व्यवहार ने चीजें और बिगाड़ी
जी-23 सूत्रों के मुताबिक, असंतुष्ट नेता इस बात से भी आक्रोशित है कि गुलाम नबी आजाद के साथ सम्मानपूर्ण व्यवहार नहीं हुआ. वह हाल ही में राज्यसभा से रिटायर हुए लेकिन कांग्रेस हाई कमान ने उनके लिए कोई 'सम्मान नहीं दिखाया'. जी-23 के एक नेता ने कहा, 'जब दूसरी पार्टियां आजाद को सीट देने की पेशकश कर रही थीं, प्रधानमंत्री उनकी तारीफ कर रहे थे तब कांग्रेस के नेतृत्व ने उनके प्रति कोई सम्मान नहीं दिखाया. रॉबर्ट वाड्रा के लिए केस लड़ने वाले एक वकील को राज्यसभा में भेज दिया गया.' इसी तरह कांग्रेस के अन्य वरिष्ठ नेताओं को नजरअंदाज कर मल्लिकार्जुन खड़गे को राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने भी जी-23 के नेता नाराज हैं. असंतुष्ट नेताओं के समूह में शामिल एक वरिष्ठ नेता ने एएनआई को बताया कि राहुल गांधी की तरफ से केरल में हाल ही में दिया गया 'उत्तर-दक्षिण' बयान से चीजें और बिगड़ी हैं. सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस के असंतुष्ट नेता जम्मू में अपने मन की बात कहेंगे, एक-दूसरे के प्रति एकजुटता का इजहार करेंगे और पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को संदेश देंगे.

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कांग्रेस नेतृत्व भी जी-23 की रार से वाकिफ
सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व भी असंतुष्ट नेताओं के इस संभावित कदम से वाकिफ हैं. पार्टी के एक शीर्ष सूत्र ने बताया कि नेतृत्व पूरे मामले पर निगाह रखे हुए है और जल्दबाजी में किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचना चाहता है. गौरतलब है कि तिरुवनंतपुरम में एक सभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा था, ‘पहले 15 वर्षों के लिए मैं उत्तर (भारत) से एक सांसद था. मुझे एक अलग प्रकार की राजनीति की आदत हो गई थी. केरल आने पर मुझे अलग तरह का अनुभव हुआ, क्योंकि मैंने अचानक पाया कि लोग मुद्दों में रुचि रखते हैं और न केवल सतही तौर पर बल्कि मुद्दों में विस्तार से जाते हैं.’ उनके इस बयान पर बीजेपी ने हमला बोला था. यहां तक कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने भी कहा था कि वोटर कहीं के भी हों, उनकी समझ का सम्मान किया जाना चाहिए.