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जयललिता के वफादार और तमिलनाडु के कार्यवाहक सीएम ओ पन्नीरसेल्वम कभी चाय बेचा करते थे, जानिए उनके जीवन से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें

पन्नीरसेल्वम जयललिता के प्रति बहुत वफादार थे। सीएम बनने के बाद अम्मा को दंडवत प्रणाम करने की तस्वीरें चर्चा में रहीं।

Updated on: 08 Feb 2017, 09:04 AM

नई दिल्ली:

तमिलनाडु में राजनीतिक संकट गहरा गया है। एआईएडीएमके में चल रही उठा-पटक के बाद पार्टी में टूट लगभग तय हो गई है। ओ पन्नीरसेल्वम की बगावत के बाद शशिकला ने पार्टी नेताओं के साथ बैठक कर उनके खिलाफ कार्रवाई की और उन्हें पार्टी के कोषाध्यक्ष के पद से हटा दिया गया है। ओ पन्नीरसेल्वम को 'अम्मा' का सबसे विश्वासपात्र माना जाता था। एक ऐसा वक्त भी था, जब पन्नीरसेल्वम चाय की दुकान चलाते थे।

* अपने साथियों के बीच 'ओपीएस' के नाम से लोकप्रिय और दिवंगत जयललिता के वफादार सहयोगी रहे पन्नीरसेल्वम थेवर जाति के हैं और अपनी जाति के पहले ऐसे शख्स हैं, जिन्होंने राजनीति में इतना ऊंचा मुकाम हासिल किया है।

* साल 1970 में पन्नीरसेल्वम ने चाय की दुकान खोली और चाय बेचने लगे। कुछ सालों बाद उन्होंने अपनी दुकान भाई को सौंप दी थी।

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* पन्नीरसेल्वम को करीब से जानने वाले लोग बताते हैं कि पेरियाकुलम नगरपालिका का चेयरमैन बनना उनका सपना था। साल 1996 में उनका यह सपना पूरा हो गया। वह नगर पालिका अध्यक्ष चुने गए। इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।

* पन्नीरसेल्वम जयललिता के प्रति बहुत वफादार थे। साल 2001 में सुप्रीम कोर्ट ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में फैसला सुनाया, जिसके तहत जयललिता पर कोई भी पद लेने पर रोक लग गई थी। इसके बाद जयललिता ने अपनी जगह पन्नीरसेल्वम को मुख्यमंत्री के तौर पर आगे कर दिया। 2001 से 2002 तक पन्नीरसेल्वम ने मुख्यमंत्री पदभार संभाला।

* जयललिता के प्रति पन्नीरसेल्वम की वफादारी इस बात से पता चलती है कि वे कभी जयललिता की कुर्सी तक पर नहीं बैठे। मुख्यमंत्री रहते हुए पन्नीरसेल्वम ने जयललिता के विश्वास में कभी कमी नहीं होने दी। उन्होंने जयललिता की जानकारी के बिना सरकार से जुड़ा कोई फैसला नहीं लिया। ऐसे में पन्नीरसेल्वम पर जयललिता का भरोसा बढ़ता गया।

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* साल 2014 में कर्नाटक हाईकोर्ट के सज़ा सुनाने के बाद जयललिता को एक बार फिर जेल जाना पड़ा। पिछले अनुभव को देखते हुए जयललिता ने फिर पन्नीरसेल्वम को अपना नुमाइंदा चुना और एक बार फिर पन्नीरसेल्वम राज्य के मुख्यमंत्री बन गए। वहीं जयललिता के जेल से बाहर आते ही बिना देरी किए पन्नीरसेल्वम ने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया था।

* पन्नीरसेल्वम के सीएम बनने के बाद 'अम्मा' को दंडवत प्रणाम करते हुए उनकी तस्वीरें चर्चा में रही। यही नहीं, वह जयललिता गैरमौजूदगी में वो उनकी तस्वीर रखकर कैबिनेट की मीटिंग करते थे। वे हमेशा जयललिता की एक तस्वीर अपनी जेब में रखते थे। पन्नीरसेल्वम, जयललिता की हर बात मानते थे और उनके लिए रोते भी थे।

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* जयललिता के निधन के बाद पन्नीरसेल्वम तीसरी बार तमिलनाडु के मुख्यमंत्री बने। एक बार फिर ओपीएस को जयललिता के विभाग, गृह विभाग और पुलिस की जिम्मेदारी सौंप दी गई। उन्हें मंत्रिमंडल की बैठकों की अध्यक्षता की जिम्मेदारी भी सौंपी गई।