अब लंबी लड़ाई के लिए किसान तैयार, बोले- सरकार से कुछ लेकर ही जाएंगे
तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन थम नहीं रहा है. हजारों की संख्या में किसान दिल्ली बॉर्डर पर डेरा डाले बैठे हैं.
नई दिल्ली:
तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन थम नहीं रहा है. हजारों की संख्या में किसान दिल्ली बॉर्डर पर डेरा डाले बैठे हैं. दिल्ली के टिकरी और सिंघु बॉर्डर पर किसानों का कृषि बिल के विरोध में आज 7वां दिन है. सरकार से 3 बार हुई समझौता बैठक भी अभी तक बेनतीजा ही निकली है. किसान आंदोलन से पीछे हटने का नाम नहीं ले रहे हैं. बीती रात को सर्दी से बचने के लिए किसानों ने टेंट तक लगा लिए, जिससे लगता है कि किसान लड़ाई के लिए तैयार है.
यह भी पढ़ें: तो इसलिए सरकार-किसानों की बैठक रही बेनतीजा, अब निगाहें 3 दिसंबर पर
3 दिसंबर को सरकार के साथ किसानों की एक मुख्य बैठक होनी है, लेकिन किसानों को इस बैठक से भी कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही है. किसान नेता का कहना है कि अब हम भी पीछे हटने वाले नहीं है, चाहे उसके लिए कोई भी कीमत चुकानी पड़े. सरकार के साथ मुलाकात को लेकर किसानों का कहना है कि बैठक में सरकार ने एक कमेटी बनाने की बात कही, लेकिन हमने पहले भी देखा है कि देश में कुछ भी घपला होता है तो उसके लिए कमेटी बनती है, लेकिन आज तक किसी भी कमेटी का हल नहीं निकला, इसलिए हमारी मांग है कृषि कानूनों को जल्दी रद्द किया जाए.
किसान संगठनों ने कहा कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जातीं हैं तब तक देश भर में आंदोलन तेज किया जाएगा. किसान नेता तीन केंद्रीय कृषि कानूनों को निरस्त करने और विद्युत संशोधन विधेयक, 2020 को वापस लेने की अपनी मांगों पर जोर दे रहे हैं. किसानों नेताओं का कहना है कि हमारा आंदोलन जारी रहेगा. सरकार से कुछ लेकर जाएंगे. सरकार अगर शांति चाहती है तो लोगों का मुद्दा हल करे.
यह भी पढ़ें: खुली सर्दी में किसानों को आंदोलन में साथ दे रही हैं हजारों महिलाएं
गौरतलब है कि सितंबर में लागू किए गए तीन नए कृषि कानूनों के बारे में सरकार का पक्ष है कि यह बिचौलियों को हटाकर किसानों को देश में कहीं भी अपनी ऊपज बेचने की छूट देता है और यह कृषि क्षेत्र से जुड़ा बड़ा सुधार है. जबकि प्रदर्शनकारी किसानों की आशंका है कि नए कानून न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और खरीद प्रणाली व्यवस्था को खत्म कर देंगे और कृषि क्षेत्र में विभिन्न हितधारकों के लिए कमाई सुनिश्चित करने वाली मंडी व्यवस्था को निष्प्रभावी बना देंगे.
हालांकि किसानों के विरोध को राजनीतिक दल समर्थन दे रहे हैं. जिससे देश की सियासत गरमाई हुई है. इसके अलावा इस आंदोलन में कुछ लोग ऐसे भी दिखे जो किसानों को आधी रात में अपना समर्थन देने के लिए आए, जो किसी संगठन से जुड़े हुए हैं. हालांकि आंदोलन को कैप्चर करने वाली बात पर किसानों का कहना है कि ऐसे असामाजिक तत्व को अब उन्होंने पहचाना शुरू कर दिया है, जो किसानों के बीच आकर अफवाह फैलाते हैं, किसानों का कहना है कि उनका समर्थन देने जो भी कम्युनिटी के लोग आएंगे, उसका ये स्वागत करते हैं. हम आपको बता दें कि इस आंदोलन में सीएए समर्थक भी नजर आने लगे हैं.
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
-
Arti Singh Wedding: सुर्ख लाल जोड़े में दुल्हन बनीं आरती सिंह, दीपक चौहान संग रचाई ग्रैंड शादी
-
Arti Singh Wedding: दुल्हन आरती को लेने बारात लेकर निकले दीपक...रॉयल अवतार में दिखे कृष्णा-कश्मीरा
-
Salman Khan Firing: सलमान खान के घर फायरिंग के लिए पंजाब से सप्लाई हुए थे हथियार, पकड़ में आए लॉरेंस बिश्नोई के गुर्गे
धर्म-कर्म
-
Aaj Ka Panchang 26 April 2024: क्या है 26 अप्रैल 2024 का पंचांग, जानें शुभ-अशुभ मुहूर्त और राहु काल का समय
-
Eye Twitching: अगर आंख का ये हिस्सा फड़क रहा है तो जरूर मिलेगा आर्थिक लाभ
-
Guru Gochar 2024: 1 मई के बाद इन 4 राशियों की चमकेगी किस्मत, पैसों से बृहस्पति देव भर देंगे इनकी झोली
-
Mulank 8 Numerology 2024: क्या आपका मूलांक 8 है? जानें मई के महीने में कैसा रहेगा आपका करियर