अब वाट्सएप्प (Whatsapp) और टेलीग्राफ (Telegraph) के जरिये भी कोर्ट की ओर से जारी नोटिस / समन को भेजा जा सकेगा. सुप्रीम कोर्ट ने इसकी इजाजत दे दी है. इसके साथ ही मेल के जरिये भी उसी दिन नोटिस/ समन भेजे जा सकेंगे. दो ब्लू टिक आने पर ये सुनिश्चित किया जाएगा कि रिसीवर ने नोटिस देख लिया है. सुप्रीम कोर्ट इस पर विचार करेगा कि क्या जमानत देते वक्त कोर्ट आरोपी को सोशल मीडिया के इस्तेमाल से रोक सकता है?
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सुप्रीम कोर्ट में इस संबंध में याचिका दायर की गई थी. इसमें मांग की गई कि नोटिस और समन भेजने के लिए सोशल मीडिया और इंटरनेट का इस्तेमाल किया जाए. सुप्रीम कोर्ट अब इस बात पर सहमत हो गया है कि नोटिस और समन को वाट्सएप्प, टेलीग्राफ और ईमेल के जरिए भेजा जा सके.
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वहीं कोर्ट ने इस मामले में केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है. अमरोहा के कांग्रेस नेता सचिन चौधरी ने लॉकडाउन में बिना इजाजत प्रेस कांफ्रेंस की थी, जबकि हाईकोर्ट ने जमानत देते हुए शर्त रखी कि वो फिलहाल सोशल मीडिया का इस्तेमाल नहीं करेंगे.
Source : News Nation Bureau