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इलाहाबाद उच्च न्यायालय का नियम, शिक्षकों के लिए नहीं होगा कोई गैर-शैक्षणिक कार्य

इलाहाबाद उच्च न्यायालय का नियम, शिक्षकों के लिए नहीं होगा कोई गैर-शैक्षणिक कार्य

Updated on: 14 Jul 2021, 09:40 PM

लखनऊ:

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने शिक्षकों द्वारा किए जा रहे गैर-शैक्षणिक कार्यों पर एक बड़ा आदेश पारित किया है।

कोर्ट ने शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 का हवाला देते हुए कहा कि शिक्षकों से गैर शैक्षणिक कार्य नहीं कराया जाएगा और इस संबंध में सभी जिलाधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं।

कोर्ट ने संबंधित प्राधिकरण, सभी जिलाधिकारियों और जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को आवश्यक आदेश जारी करने का निर्देश दिया है।

शिक्षकों द्वारा मिड-डे मील का वितरण, भवनों और चारदीवारी का निर्माण, स्कूल खातों का संचालन, आधार कार्ड बनाने में सहायता जैसे कई गैर-शैक्षणिक कार्य किए जा रहे थे, जो अब नहीं किए जाएंगे।

कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि शिक्षकों को सिर्फ आपदा, जनगणना और आम चुनाव के दौरान ही लगाया जा सकता है।

आदेश दिया कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 के तहत शिक्षकों की ड्यूटी गैर-शैक्षणिक गतिविधियों के लिए नहीं लगाई जा सकती है। इसके लिए अधिनियम के नियम 27 का उल्लेख किया गया था।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.