Alert: नवंबर या दिसंबर के शुरू में ही आ गया हो नया ब्रिटिश कोरोना स्ट्रेन

बहुत ज्यादा संभावना है कि कोरोना का यह स्ट्रेन भारत में नवंबर या दिसंबर की शुरुआत में ही आ चुका हो. यह ज्यादा संक्रमणकारी है और 70 फीसदी तेजी के साथ फैलता है.

बहुत ज्यादा संभावना है कि कोरोना का यह स्ट्रेन भारत में नवंबर या दिसंबर की शुरुआत में ही आ चुका हो. यह ज्यादा संक्रमणकारी है और 70 फीसदी तेजी के साथ फैलता है.

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Nihar Saxena
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Randeep Guleria

एम्स के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने डराया भी और चेताया भी.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

ब्रिटेन में मिला कोरोना वायरस का नया स्ट्रेन तमाम अन्य देशों के साथ-साथ भारत में भी दस्‍तक दे चुका है. देश में अब तक दो दर्जन के करीब ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनमें कोरोना के इस नए स्ट्रेन के लक्षण हैं. ऐसे में ब्रिटेन से आने-जाने वाली फ्लाइट्स पर भी 7 जनवरी तक अस्थायी प्रतिबंध लगा दिया गया है. साथ ही दिल्ली समेत विभिन्न राज्यों की सरकारें इसको लेकर कड़ी एहितियात बरत रही हैं. इस बीच दिल्‍ली एम्‍स के डायरेक्‍टर डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि ब्रिटेन के नए कोरोना स्ट्रेन को लेकर चिंता की बात यह है कि यह ज्यादा संक्रमणकारी है और 70 फीसदी तेजी के साथ फैलता है. उन्होंने यह भी कहा कि बहुत ज्यादा संभावना है कि कोरोना का यह स्ट्रेन भारत में नवंबर या दिसंबर की शुरुआत में ही आ चुका हो. इसके साथ ही उन्होंने दिलासा देते हुए कहा कि हालांकि डरने जैसी कोई बात नहीं है.

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रिकवरी दर बेहतर होने से राहत
दिल्‍ली एम्‍स के डायरेक्‍टर रणदीप गुलेरिया ने कहा, 'अध्ययन से पता चलता है कि ब्रिटेन का स्ट्रेन ज्यादा संक्रमणकारी होने की वजह से चिंता तो जरूर पैदा करता है, लेकिन डर की बात नहीं है. भारत सरकार ने ब्रिटेन से आने वाली फ्लाइट्स को बंद करने समेत कई कदम उठाए हैं. अगर ब्रिटेन के स्ट्रेन के चलते कोविड-19 के मामलों में इजाफा होता है तो हम उस पर एक्शन लेंगे. उन्होंने इसके साथ भरोसा दिलाया है कि भारत बहुत अच्छी स्थिति में है और रोजाना के मामलों में काफी कमी आई है. हमारी रिकवरी दर काफी ऊंची है और मृत्युदर काफी कम है. 

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नवंबर या दिसंबर के शुरू में ही आ गया होगा नया स्ट्रेन
हालांकि उन्होंने यह संभावना भी जताई है कि ब्रिटेन का नया स्ट्रेन भारत में नवंबर या फिर दिसंबर की शुरुआत में ही आ गया हो, लेकिन आप इस स्ट्रेन के बारे में देखें तो यह तेजी के साथ फैलता है. जबकि देशभर में कोरोना के मामलों में पिछले 4-6 हफ्ते के दौरान कोई खास इजाफा नहीं हुआ है. इसके अलावा गुलेरिया ने कहा कि अगर ब्रिटेन का कोरोना स्ट्रेन भारत में आ भी चुका था तो यह हमारे कोरोना के मामले और हॉस्पीटलाइजेशन पर असर डाल सकता है. लिहाजा हमें अतिरिक्त सावधानी रखने की जरूरत है. ध्यान यही रखना है कि यह भारत में तेजी से न फैल सके.

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नहीं दिख रहे हैं इसके अलग लक्षण
डॉक्टर गुलेरिया ने ये भी कहा कि भले ही इस वायरस को नया स्ट्रेन कहा जा रहा है, लेकिन सच्चाई ये है कि हर महीने में दो बार ये वायरस अपना रूप बदलता है. उन्होंने कहा, 'वायरस का रूप हर महीने औसतन दो बार बदल रहा है. लेकिन इसके इसके लक्षण एक जैसे हैं. इसका इलाज भी उसी तरीके से होगा जैसा कि पहले होता था. कोरोना का ये रूप युवाओं में तेज़ी से फैल रहा. लिहाजा उन्हें सावधान रहने की जरूरत है. साथ ही मौजूदा डेटा के मुताबिक वैक्सीन भी इसके खिलाफ असरदार होगी.'

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ब्रिटेन के बाद कई देशों में भी फैला है नया स्ट्रेन
कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन की शुरुआत ब्रिटेन से हुई थी, जिसके बाद यूरोप के कई देशों में इसके मामले सामने आ चुके हैं. जानकारी के अनुसार, डेनमार्क, स्विट्जरलैंड, नीदरलैंड, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, स्पेन, इटली, स्वीडन, जर्मनी, सिंगापुर, कनाडा, जापान, लेबनान में कोरोना के नए स्ट्रेन के केस मिल चुके हैं, जबकि इसमें भारत का नाम भी जुड़ गया है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि 25 नवंबर से 23 दिसंबर की आधी रात तक ब्रिटेन से आए करीब 33,000 यात्री विभिन्न भारतीय हवाई अड्डों पर उतरे हैं.

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