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बांदा की इस जेल में कानून की सख्त निगरानी में रहेगा मुख्तार अंसारी

चित्रकूट धाम के आईजी रेंज के सत्यानारायण ने अप्रैल 4 (रविवार) रात आलाधिकारियों के साथ बैठक कर पंजाब की रोपड़ जेल जाने और वहां से मुख्तार अंसारी को वापस लौटने का रोडमैप तैयार किया लेकिन इस रोडमैप को पूरी तरह से गोपनीय रखा गया है.

Updated on: 05 Apr 2021, 11:20 PM

highlights

  • उत्तर प्रदेश में मुख्तार अंसारी पर 38 मामले
  • पंजाब में मुख्तार अंसारी पर सिर्फ एक मामला
  • यूपी के 38 मामलों पर भारी पंजाब का एक मामला

नई दिल्ली:

उत्तर प्रदेश का बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी पंजाब की रोपड़ जेल में पिछले दो साल से रह रहा था. अब मुख्तार अंसारी  को पंजाब की रोपड़ जेल से उत्तर प्रदेश की बांदा जेल में शिफ्ट होना है. इसके लिए बांदा जेल प्रशासन और जिला प्रशासन ने खास इंतजाम किए हैं. मेडिकल टीम से लेकर जेल के अंदर और बाहर की सुरक्षा व्यवस्था का खास ख्याल रखा गया है. चित्रकूट धाम के आईजी रेंज के सत्यानारायण ने अप्रैल 4(रविवार) रात आलाधिकारियों के साथ बैठक कर पंजाब की रोपड़ जेल जाने और वहां से मुख्तार अंसारी को वापस लौटने का रोडमैप तैयार किया लेकिन इस रोडमैप को पूरी तरह से गोपनीय रखा गया है.

अप्रैल 5 (सोमवार) तड़के 10 गाड़ियों के साथ फोर्स रवाना हुई, जिसमें दो सीओ, एसआई, तेजतर्रार कॉन्स्टेबल और पीएसी के जवानों के साथ ऐंबुलेस भी शामिल है. मुख्तार को लाने के लिए एक प्रिजन वैन को भी काफिले के साथ भेजा गया है. बांदा मंडल कारागार ने माफिया डॉन मुख्तार अंसारी के लिए सुरक्षा के खास इंतजाम किए हैं. बांदा जेल में एक फार्मासिस्ट, डॉक्टरों की टीम, जिला अस्पताल में तीन सदस्यीय मेडिकल इमरजेंसी टीम भी बनाई गई है. इसमें एक सर्जन, एक फिजीशन और एक ऑर्थो स्पेशलिस्ट भी शामिल है.

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आपको बता दें कि ऐसी उम्मीदें लगाई जा रही है कि माफिया मुख्तार अंसारी को 8 अप्रैल तक बांदा जेल में शिफ्ट कर दिया जाएगा. बांदा जेल की बैरक नंबर 15 माफिया डॉन मुख्तार अंसारी का नया ठिकाना होगा. सुप्रीम कोर्ट ने 26 मार्च को पंजाब सरकार को आदेश दिया था कि संगीन मुकदमों में आरोपी विधायक मुख्तार अंसारी को उत्तर प्रदेश सरकार को सौंपा जाए.पंजाब पुलिस 2 साल पहले बांदा जेल से ही एक मुकदमे के सिलसिले में मुख्तार अंसारी को पंजाब ले गई थी. मुख्तार अंसारी बीते दो साल से पंजाब की रोपड़ जेल में बंद है.

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जनवरी 2019 से पंजाब की जेल में बंद है मुख्तार अंसारी
पंजाब के गृह विभाग ने उत्तर प्रदेश सरकार से कहा है कि वह मुख्तार अंसारी की हिरासत 8 अप्रैल तक जेल से ले लें. मुख्तार अंसारी जनवरी 2019 से कथित उगाही के मामले में पंजाब की जेल में बंद हैं. वह उत्तर प्रदेश में कई मामलों में वांडेट हैं. 2019 की शुरुआत में UP से प्रोडक्शन वॉरंट पर पंजाब लाया गया था. मोहाली में दर्ज एक केस के सिलसिले में. तब से वो पंजाब की रोपड़ जेल में बंद है. अंसारी पर आईपीसी की धारा 386 के तहत रंगदारी के आरोप हैं. उस पर होमलैंड ग्रुप के सीईओ को धमकी देने का आरोप था. मोहाली एसएसपी को अपनी शिकायत में सीईओ ने कहा था कि उत्तर प्रदेश के किसी अंसारी ने कहा है कि परिवार की सुरक्षा चाहते हो तो 10 करोड़ रुपये दे दो. इसी मामले को लेकर अंसारी पर मुकदमा दायर हुआ. इसके करीब दो हफ़्तों के बाद पंजाब पुलिस प्रोडक्शन वारंट पर पंजाब ले आई और तब से अंसारी रोपड़ जेल में बंद है.

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मुख़्तार अंसारी पर कुल मामले
मुख्तार अंसारी पर यूपी में कुल 30 एफआईआर और 14 मुकदमें विचाराधीन है. मुख्तार के ख़िलाफ़ कुल 40 से ज़्यादा केस इनमें हत्या,फिरौती आदि से जुड़े संगीन मामले भी शामिल है. 2005 में मुख्तार अंसारी पर मऊ में हिंसा भड़काने के आरोप लगे. साथ ही जेल में रहते हुए बीजेपी नेता कृष्णानंद राय की 7 साथियों समेत हत्या का इल्ज़ाम भी. बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय हत्याकांड के साथ, बनारस के विहिप नेता नंद किशोर रूंगटा के अपहरण और हत्या के मामले में भी मुख्तार का नाम सामने आया.

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पूर्वांचल में पहली बार गूंजी थी एके-47 की तड़तड़ाहट
कृष्णानंद राय हत्याकांड की सबसे बड़ी बात ये थी कि इस हत्याकांड के दौरान पूर्वांचल की धरती पर पहली बार एक साथ करीब 6 एके-47 राइफलों की गूंज सुनाई दी थी.
कृष्णानंद राय पर हमले के दौरान हमलावरों ने 6 से ज्यादा एके-47 राइफल्स से 400 से ज्यादा गोलियां दागी थीं. इस हमले में कृष्णानंद राय समेत 7 लोगों की मौत हुई थी. इन लोगों के शवों से 67 से ज्यादा गोलियां बरामद हुई थीं. लेकिन, यह सिलसिला यहीं नहीं थमा. इसके बाद कृष्णानंद राय हत्याकांड के कई गवाहों को भी एक-एक करके मौत के घाट उतार दिया गया.

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कौन है मुख्तार अंसारी
मुख्तार अंसारी का जन्म यूपी के गाजीपुर जिले में ही हुआ. राजनीति मुख्तार अंसारी को विरासत में मिली. 90 का दशक आते-आते मुख्तार ने जमीन कब्जाने के लिए अपना गैंग शुरू कर लिया. 1988 में पहली बार हत्या के एक मामले में मुख्तार का नाम आया था. हालांकि उनके खिलाफ कोई पुख्ता सबूत पुलिस नहीं जुटा पाई. लेकिन इस बात को लेकर वह चर्चाओं में आ गया. 1990 का दशक में मुख्तार अंसारी जमीनी कारोबार और ठेकों की वजह से अपराध की दुनिया में कदम रख चुका था. पूर्वांचल के मऊ, गाजीपुर, वाराणसी और जौनपुर में उनके नाम का सिक्का चलने लगा था. 1995 में मुख्तार अंसारी ने राजनीति की मुख्यधारा में कदम रखा. 1996 में मुख्तार अंसारी पहली बार विधान सभा के लिए चुना गया. 1996 में बहुजन समाज पार्टी  के टिकट पर मऊ सदर से चुनाव लड़कर विधायक बन गया. वह इस सीट से 5 बार का विधायक है.  इसमें दो बार बसपा, दो बार निर्दलीय और एक बार कौमी एकता दल से जीत हासिल की. वर्तमान में वह बसपा से विधायक है.

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मुख्तार अंसारी पर दर्ज केस
1. मुख्तार अंसारी पर फर्जी शस्त्र लाइसेंस हासिल करने का पहला केस गाजीपुर के मोहम्मदाबाद थाने में दर्ज था. इस मामले में अभी आरोप तय नहीं हुए हैं.
2. इलाहाबाद की विशेष एमपी/एमएलए कोर्ट में मुख्तार के खिलाफ गैंगस्टर के चार केस चल रहे हैं. इनमें आरोप पत्र दाखिल हो चुके हैं.
3. मुख्तार अंसारी पर हत्या की कोशिश में का एक केस गाजीपुर के मोहम्मदाबाद थाने में आदर्ज हुआ था. इसकी सुनवाई 2010 में ही शुरू हो गई थी. हाालंकि काफी समय से सुनवाई नहीं हो रही है.
4. मुख्तार अंसारी पर गैंगस्टर एक्ट के तहत गाजीपुर के मोहम्मदाबाद कोतवाली में केस दर्ज किया गया था. यह मुकदमा अभी ट्रायल पर है.
5. मुख्तार अंसारी के खिलाफ हत्या का एक और मुकदमा वाराणसी जिले में है. जो कि कांग्रेस के नेता अजय राय के भाई की हत्या से जुड़ा हुआ है. इस मामले में चेतगंज थाने में एफआईआर दर्ज हुई थी. मामले में तेजी से सुनवाई हो रही है.
6. मुख्तार पर आजमगढ़ में हत्या और हत्या की साजिश रचने के आरोप में तरवां थाने में केस दर्ज हुआ था. इस मामले में मुख्तार के खिलाफ आरोप तय नहीं हुए हैं.
7. मुख्तार अंसारी के खिलाफ मऊ जिले के दक्षिणटोला थाने में गैंगस्टर एक्ट एक और मुकदमा दर्ज है. इस मामले में मुख्तार के खिलाफ आरोप तय हो चुके हैं.

2019 में योगी सरकार ने शुरू की सख्ती
बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय की हत्या के बाद से मुख्तार अंसारी का नाम बीजेपी के कई कद्दावर नेताओं की निगाह पर भी चढ़ गया. 2017 में यूपी की सत्ता में आने के बाद योगी सरकार ने जब माफिया और अपराधियों के खिलाफ अभियान शुरू किया तो हिटलिस्ट में मुख्तार का नाम सबसे ऊपर था. 2019 में योगी सरकार ने मुख्तार पर शिकंजा कसना शुरू किया.