कट्टरपंथ और आतंक के एक मां की ममता भारी पड़ी। पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा में एक कश्मीरी युवक शामिल हो गया था। लेकिन मां की भावुक आपील पर इस लड़के का दिल पिघल गया और उसने आत्म समर्पण कर दिया।
गुरुवार देर रात सोपोर के आंचलिक इलाके में ये घटना उस वक्त हुई जब सेना ने अन्य सुरक्षा एजेंसियों की मदद से इलाके की घेराबंदी की थी। खुफिया विभाग से मिली जानकारी के अनुसार एक मकान में आतंकवादी की मौजूदगी का संकेत दिया था।
सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि छिपे आतंकी की पहचान उमक खालिक मीर उर्फ ‘समीर’ के तौर पर हुई है। ये युवक उत्तरी कश्मीर में तुज्जार का रहने वाला है। जब युवक को बाहर निकालने के प्रयास बेकार साबित हुए तो सुरक्षा बलों ने उसके माता-पिता से उसे आत्मसमर्पण करने के लिए मनाने की गुज़ारिश की। उसकी मां तुरंत राजी हो गईं और पांच किलोमीटर दूर से आकर बेटे को मनाने की कोशिश करने लगीं।
मां ने अपने बेटे को कसम दी क्योंकि सेना ने उन्हें आश्वासन दिया था कि युवक के आत्मसमर्पण करने पर वे नरम रुख अपनाएंगे।
सेना के अधिकारी ने कहा, ‘यह हमारे लिए बेचैन कर देने वाला क्षण था, क्योंकि हम एक नागरिक के अलावा महिला के लिए कवच की तरह सुरक्षा दे रहे थे। महिला भी अपने बेटे की जान जोखिम में डाल रही थी।’
मां को उस मकान के भीतर जाने और उसे अपने बेटे को आत्मसमर्पण के लिए राजी करने की अनुमति दी गई। काफी मनाने के बाद मीर मकान से बाहर आया और उसने सेना के जवानों को एक एके राइफल, तीन मैगजीन, तीन हथगोले और एक रेडियो सेट सौंपा। 26 वर्षीय मीर इस साल मई से लापता था और वह लश्कर-ए-तैयबा में शामिल हो गया था।
अधिकारी ने कहा कि ये एक उदाहरण है कि सेना किस तरह से लोगों के जीवन को बचा रही है। मीर को पुलिस को सौंप दिया गया और उसे पुलिस ने गरफ्तार कर लिया है।
Source : News Nation Bureau