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चीनी सामानों को लेकर मोदी सरकार का बड़ा फैसला, टिकटॉक सहित 59 ऐप बैन

भारत सरकार ने चीन को दिया बड़ा झटका यूसी ब्राउजर, टिकटॉक, शेयर इट सहित 59 चीनी मोबाइल ऐप पर लगाया प्रतिबंध.

Updated on: 29 Jun 2020, 09:32 PM

नई दिल्‍ली:

पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीन के बीच सीमा विवाद को लेकर दोनों देशों में पिछले कुछ महीनों से तनाव चरम पर है. 15 जून को दोनों देशों के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद केंद्र की मोदी सरकार ने चीन के खिलाफ कई सख्त फैसले लिए हैं. भारत सरकार ने चीन को दिया बड़ा झटका यूसी ब्राउजर, टिकटॉक, शेयर इट सहित 59 चीनी मोबाइल ऐप पर लगाया प्रतिबंध. 

आपको बता दें कि यह पहला मौका नहीं है जब मोदी सरकार ने चीन के किसी प्रोडक्ट या फिर किसी प्रोजेक्ट पर रोक लगाई हो, इसके पहले भी भारत सरकार ने कई चीजो को प्रतिबंधित किया है और कई चीनी प्रोजेक्ट को रोका है. आपको बता दें कि बीते 15 जून को गलवान घाटी में भारत-चीन के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद मोदी सरकार ने चीन को लेकर अपनी नीतियां सख्त करनी शुरू कर दी थी. केंद्र सरकार ने भारत में चीन से आने वाली घटिया और खराब क्वालिटी के चीन प्रोडक्ट्स की लिस्ट मंगवाई थी. इसके बाद मोदी सरकार ने इनके आयात पर रोक लगाई जा सके और घरेलू उत्पादन बढ़ाया जा सके.

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चीनी समान को देश में बैन करने के लिए पीएमओ में हुई थी हाईलेवल मीटिंग
सरकारी सूत्रों के हवाले से न्यूज एजेंसी पीटीआई ने बताया था कि पिछले दिनों प्रधानमंत्री कार्यालय में एक उच्चस्तरीय बैठक हुई थी. इस बैठक में देशवासियों को आत्मनिर्भर बनाने और आत्मनिर्भर भारत अभियान को लेकर चर्चा की गई थी. इस बैठक के बाद पीएमओ ने देश की इस इंडस्ट्री से चीन से आने वाले घड़ी, ट्यूब, हेयर क्रीम, शैंपू, पेंट, मेकअप के प्रोडक्ट्स और रॉ मटेरियल के बारे में जानकारी मांगी गई है. आपको बता दें कि भारत में सेल फोन, खिलौनों, टेलीकॉम जैसे क्षेत्रों में चीन का प्रभाव ज्यादा है. भारत में जो भी प्रोडक्ट आयात किए जाते हैं, उनमें चीन की हिस्सेदारी 14 फीसदी है.

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चीन की कंपनियों पर पड़ेगा बॉयकॉट का असर - ग्लोबल टाइम्स
वहीं चीन के ग्लोबल टाइम्स अखबार के 21 जून के एडिटोरियल में लिखा गया था कि, भारत में जारी चीन विरोधी अभियान का नकारात्मक असर पड़ रहा है. पड़ोसी देश में व्यापार की चीन की संभावनाएं धूमिल हो रही हैं. भारत में चीनी मोबाइल ऐप और चीनी प्रोडक्ट्स का जमकर बॉयकॉट किया जा रहा है और इससे दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों में खलल पड़ेगा. वहीं चीन के मार्केट एनालिस्ट के हवाले से एडिटोरियल में कहा गया है कि चीनी सामानों का बॉयकॉट भारत में सामाजिक घटना बन चुकी है. इससे वहां के बाजार में चीनी सामानों के विस्तार पर असर पड़ेगा. चीनी ऐप और डाटा प्राइवेसी को लेकर भी भारत में भी चिंता जाहिर की जा रही है और ऐसे में टिकटॉक और वीचैट जैसी ऐप के मार्केट को नुकसान होगा.