द्रमुक के विपक्षी एकता मंच ने जातिगत जनगणना की मांग को जरूरी बताया
द्रमुक के विपक्षी एकता मंच ने जातिगत जनगणना की मांग को जरूरी बताया
नई दिल्ली:
द्रमुक के सामाजिक न्याय सम्मेलन में सोमवार को कई विपक्षी नेता शामिल हुए, जहां इस बात को रेखांकित किया गया कि वंचित समुदायों के विकास के लिए जातिगत जनगणना जरूरी है।सत्र को वर्चुअल तौर पर संबोधित करते हुए द्रमुक प्रमुख और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने कहा कि यह मंच देश में एकता, सामाजिक न्याय और भाईचारे की नींव रखेगा।
सत्र में समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव, राजद नेता और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, माकपा प्रमुख सीताराम येचुरी, भाकपा नेता डी. राजा मौजूद थे। सत्र में शामिल तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओब्रायन ने बीजद जैसी और पार्टियों का आह्वान किया और कहा कि वाईएसआरसीपी भी इस मंच से जुड़ेगी। राजद नेता मनोज झा ने कहा कि यह राजनीति को बदलने का सामाजिक मंच है और उन पार्टियों का भी इम्तिहान है, जो जातिगत जनगणना के नाम पर घड़ियाली आंसू बहाते हैं।
स्टालिन की अध्यक्षता में हुए सम्मेलन में सामाजिक न्याय : आगे की राह पर चर्चा की गई, जिसका आयोजन 2022 में स्टालिन द्वारा स्थापित अखिल भारतीय सामाजिक न्याय मंच द्वारा किया जा रहा है।
द्रमुक सूत्रों ने कहा कि यह आम मुद्दे पर लोगों को एकजुट करने के लिए एक गैर-राजनीतिक मंच है।
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