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गोरखपुर में नाबालिग से रेप, विपक्ष ने योगी सरकार पर साधा निशाना

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के गृह जनपद गोरखपुर में नाबालिग से गैंगरेप और फिर सिगरेट से शरीर पर दागने की घटना के बाद सूबे में कानून व्यवस्था और महिला सुरक्षा पर सियासत एक बार फिर गर्मा गई है.

Updated on: 17 Aug 2020, 05:08 PM

नई दिल्ली:

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह जनपद गोरखपुर में नाबालिग से गैंगरेप और फिर सिगरेट से शरीर पर दागने की घटना के बाद सूबे में कानून व्यवस्था और महिला सुरक्षा पर सियासत एक बार फिर गर्मा गई है. कॉंग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी सोमवार की सुबह फेसबुक पोस्ट के जरिए सूबे में महिला सुरक्षा के मुद्दे पर सरकार को घेरा. उन्होंने लिखा ''बुलंदशहर, हापुड़, लखीमपुर - खीरी, और अब गोरखपुर. लगातार इस तरह की घटनाओं से ये साबित होता है कि महिलाओं को सुरक्षा देने में उत्तर प्रदेश सरकार पूरी तरह विफल रही है. अपराधियों के मन में कानून का कोई डर नहीं है. उसी का परिणाम है कि महिलाओं के खिलाफ अपराध की वीभत्स से वीभत्स घटनाएं घटती ही जा रही हैं. पुलिस और प्रशासन न तो सुरक्षा दे पा रहे हैं और न ही उचित कार्रवाई कर पा रहे हैं. उत्तर प्रदेश सरकार कानून व्यवस्था की समीक्षा करे और महिलाओं की सुरक्षा सम्बंधित हर कदम गंभीरता से उठाए.''

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वहीं लखीमपुर खीरी में हुए रेप के मामले में सपा-बसपा ने योगी सरकार पर निशाना साधा. बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि ''यूपी के लखीमपुर खीरी के पकरिया गाँव में दलित नाबालिग के साथ बलात्कार के बाद फिर उसकी नृशंस हत्या अति-दुःखद व शर्मनाक. ऐसी घटनाओं से सपा व वर्तमान भाजपा सरकार में फिर क्या अन्तर रहा? सरकार आजमगढ़ के साथ खीरी के दोषियों के विरूद्ध भी सख्त कार्रवाई करे, बीएसपी की यह माँग है.''

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वहीं सपा अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि 'उप्र के लखीमपुर खीरी में एक बेबस किशोरी से दुष्कर्म के बाद निर्मम हत्या इंसानियत को झकझोर देने वाली घटना है. भाजपाकाल में उप्र की बच्चियों व नारियों का उत्पीड़न चरम पर है. बलात्कार, अपहरण, अपराध व हत्याओं के मामले में भाजपा सरकार प्रश्रयकारी क्यों बन रही है?'