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योगेंद्र यादव की केजरीवाल को चिट्ठी, MCD चुनाव हारे तो इस्तीफा देना, EVM को दोष मत देना

चुनाव से ठीक एक दिन पहले अरविंद केजरीवाल के पुराने साथी योगेंद्र यादव ने 2 साल बाद केजरीवाल को पहली बार पत्र लिखा है।

Updated on: 22 Apr 2017, 10:07 PM

highlights

  • अरविंद केजरीवाल के पुराने साथी योगेंद्र यादव ने 2 साल बाद केजरीवाल को पहली बार पत्र लिखा है
  • योगेंद्र यादव ने केजरीवाल को रामलीला में कही पुरानी बातें याद दिलाई
  • योगेंद्र यादव ने कहा कि अगर वे एमसीडी चुनाव हार जाते है तो उन्हें मुख्यमंत्री को अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए
  • योगेंद्र यादव ने पत्र में राजधानी दिल्ली की खराब हालत के लिए मुख्यमंत्री को जिम्मेदार ठहराया है

नई दिल्ली:

दिल्‍ली में कल एमसीडी के चुनाव होने वाले हैं। चुनाव से ठीक एक दिन पहले अरविंद केजरीवाल के पुराने साथी योगेंद्र यादव ने 2 साल बाद केजरीवाल को पहली बार पत्र लिखा है। दरअसल योगेंद्र यादव स्वराज अभियान के सदस्य और अरविन्द केजरीवाल के पुरानी साथी है।

योगेंद्र यादव ने पत्र में राजधानी दिल्ली की खराब हालत के लिए मुख्यमंत्री को जिम्मेदार ठहराया है। पत्र में योगेंद्र ने लिखा है कि केजरीवाल ने दिल्ली कि जनता का विश्वास तोड़ा है। यादव ने केजरीवाल को रामलीला में कही पुरानी बातें याद दिलाते हुए कहा, 'अगर वे एमसीडी चुनाव हार जाते है तो उन्हें मुख्यमंत्री को अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।'

योगेंद्र यादव ने अपने ट्विटर हैंडल पर पत्र को पोस्ट किया है।

योगेंद्र यादव का पत्र:

प्रिय अरविन्द,

दो साल पहले दिल्ली ने जो ऐतिहासिक जनादेश दिया था, वो किसी एक नेता या पार्टी का करिश्मा नहीं था। उसके पीछे हज़ारों वोलन्टीयर का त्याग और उनकी तपस्या थी। लेकिन इस करिश्मे का सबसे बड़ा कारण था दिल्ली की जनता का आत्मबल।

जनलोकपाल आंदोलन ने दिल्ली के लाखों नागरिकों को यह भरोसा दिलाया कि वो बेचारे नहीं हैं। वो नेताओं, पार्टियों और सरकारों से ज्यादा ताकतवर हैं। आज मैं उस आत्मबल को डगमगाते हुए देख रहा हूं।

इसलिए पिछले दो साल में पहली बार आपसे संवाद कर रहा हूं और आपको रामलीला मैदान में किए रिकॉल के वादे की याद दिला रहा हूं।

पिछले महीने में मुझे दिल्ली नगर निगम (MCD) के चुनाव के दौरान दिल्ली के कोने-कोने में जाने का मौका मिला। दिल्ली में चारों तरफ कूड़े के ढेर हैं, गन्दा पानी रुका हुआ है, बदबूदार और खतरनाक हवा है। हर कोई जानता है कि इसकी पहली जिम्मेवारी पिछले दस साल से MCD पर राज कर रही बीजेपी की है।

लेकिन फिर भी बीजेपी बेशर्मी से इस चुनाव में खड़ी है, वोट मांग रही है। ऐसे बहुत वोटर हैं जिन्होंने 2015 में ऐतिहासिक बदलाव के लिए वोट दिया था, लेकिन जो इस बार थक-हार के बीजेपी के पास वापिस जा रहे हैं।

मैं पिछले महीने भर से सोच रहा हूं कि इस निक्कमी और भ्रष्ट सरकार को चलाने वाली बीजेपी को MCD चुनाव में खड़े होने का मौका देने के लिए कौन जिम्मेवार है।

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बहुत सोचने के बाद मैं इस निष्कर्ष पर पंहुचा हूं कि दिल्ली की इस दुर्घटना के लिए व्यक्तिगत रूप से आप जिम्मेवार हैं। आपने दिल्ली की जनता का विशवास तोड़ा है। विश्वास सिर्फ एक नेता या पार्टी से नहीं टूटा है।

जनता का खुद अपने आप से विश्वास टूटा है -- आप से धोखा खाने के बाद उन्हें लगता है कि उन्हें अच्छे-बुरे की पहचान नहीं है। इसलिए टूटे मन से बहुत लोग उन्ही पुरानी पार्टियों के पास जा रहे हैं जिन्हे उन्होंने दो साल पहले ख़ारिज कर दिया था।

लोकतंत्र में जनता की आशा जगाकर उसे तोड़ना बहुत बड़ा पाप है। जनता के आत्मबल को कमजोर करना सबसे बड़ा अपराध हैं। मैं यह कहने को मजबूर हूं कि अपने अहंकार, आत्म-मोह और कुर्सी के लालच में आपने यह अपराध किया है।

ये सिर्फ मैं नहीं कहता दिल्ली के हर मोहल्ले और गली में हर कोई ये कहता है। इस चुनाव प्रचार के दौरान आपने वोटर को जिस तरह लालच, डर और धमकी दी है उसमे मुझे 'विनाशकाले विपरीत बुद्धि' के लक्षण दिखाई देते हैं।

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जाहिर है आप मुझसे सहमत नहीं होंगे। आपने बार-बार कहा है कि दिल्ली की जनता आपके साथ है। दिल्ली में कल होने वाले MCD के चुनाव को आपने अपनी व्यक्तिगत लोकप्रियता के रेफेरेंडम में बदल दिया है।

आपकी पार्टी सिर्फ आपके नाम पर वोट मांग रही है। होर्डिंग में पार्टी का नाम तक नहीं है। आपकी पार्टी ने एक इंटरनल सर्वे भी जारी किया है कि आपकी पार्टी MCD चुनाव में 218 सीटें लेकर जीत रही है।

मेरा एक प्रस्ताव है। अगर आपको इस चुनाव में तीनों MCD में कुल मिलाकर बहुमत (यानि सिर्फ 137 सीटें) आ जाता है तो मैं यह मान लूंगा कि मेरी समझ गलत है और दिल्ली की जनता आपको धोखेबाज नहीं मानती।

ऐसे में अगर केंद्र सरकार आपकी सरकार के खिलाफ कोई षड़यंत्र करती है तो हमारी पार्टी और मैं खुद आपका समर्थन करेंगे।

लेकिन अगर दिल्ली में 70 में से 67 सीट जीतने के दो साल में ही आप इस रेफेरेंडम में हार जाते हैं तो नैतिकता की मांग है कि आप EVM जैसा कोई बहाना ना बनाये मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा दे दें और आपकी सरकार दिल्ली में 'रिकॉल' के सिद्धांत के अनुसार दुबारा जनता से विश्वास मत हासिल करे।

आशा है आपको रामलीला मैदान में कही अपनी ही बातें याद होंगी और आप इस चुनौती को स्वीकार करेंगे।

आपका पुराना साथी,
योगेंद्र यादव

यह चिठ्ठी चुनाव से पहले इसलिए जारी कर रहा हूं ताकि आपको ऐसा न लगे कि चुनाव परिणाम देखकर मौके का फायदा उठाया है।

आम आदमी पार्टी के सर्वे की मानें तो दिल्‍ली की जनता का प्‍यार अभी भी उनके साथ बरकरार है और एमसीडी चुनावों में उन्‍हें फिर से भारी जीत मिलने वाली है। 

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