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मनमोहन का पीएम मोदी को सुझाव, कोविड से लड़ने के लिए टीकाकरण महत्वपूर्ण

मनमोहन सिंह ने पत्र में कहा, मेरे पास इस संबंध में कुछ सुझाव हैं. मैं इस बात पर जोर देना चाहता हूं कि मैं रचनात्मक सहयोग की भावना से आपके विचार के लिए उन्हें आगे रख रहा हूं, जिसमें मैंने हमेशा विश्वास किया है और उन पर अमल किया है. 

Updated on: 18 Apr 2021, 07:11 PM

highlights

  • पीएम मोदी को मनमोहन सिंह ने लिखा पत्र
  • पत्र में की टीकाकरण तेज करने की मांग
  • टीकाकरण के पारदर्शी फार्मूले की मांग की

नयी दिल्ली:

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर टीकाकरण कार्यक्रम को आगे बढ़ाने का आग्रह किया और यूरोपीय एजेंसियों या यूएसएफडीए द्वारा मंजूर किए गए टीकों को मंजूरी देने सहित सरकार को पांच सुझाव दिए. मनमोहन सिंह ने पत्र में कहा, मेरे पास इस संबंध में कुछ सुझाव हैं. मैं इस बात पर जोर देना चाहता हूं कि मैं रचनात्मक सहयोग की भावना से आपके विचार के लिए उन्हें आगे रख रहा हूं, जिसमें मैंने हमेशा विश्वास किया है और उन पर अमल किया है. पूर्व प्रधानमंत्री ने अपने सुझावों में कहा कि सरकार को यह प्रचारित करना चाहिए कि विभिन्न वैक्सीन उत्पादकों को खुराकों के लिए क्या ठोस आदेश हैं और अगले छह महीनों में वितरण के लिए कितने स्वीकार किए जाने हैं और सरकार को यह बताना चाहिए कि पारदर्शी फार्मूले के आधार पर राज्यों में अपेक्षित आपूर्ति का वितरण कैसे किया जाएगा.

उन्होंने कहा, केंद्र सरकार आपात जरूरतों के आधार पर वितरण के लिए 10 प्रतिशत रख सकती है, लेकिन इसके अलावा, राज्यों के पास संभावित उपलब्धता का स्पष्ट संकेत होना चाहिए, ताकि वे अपने हिसाब से वितरण की योजना बना सकें. मनमोहन सिंह ने कहा कि टीकाकरण में राज्यों को अग्रिम पंक्ति के कामगारों की श्रेणियों को परिभाषित करने के लिए कुछ लचीलापन दिया जाना चाहिए, ताकि 45 वर्ष से कम आयु के होने पर भी टीका लगाया जा सके. सरकार द्वारा अपनाई गई नीतियों और मजबूत बौद्धिक संपदा संरक्षण की बदौलत भारत दुनिया में सबसे बड़ा वैक्सीन उत्पादक के रूप में उभरा है.

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यह क्षमता काफी हद तक निजी क्षेत्र में है. सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल के इस क्षण में, भारत सरकार को धन और अन्य रियायतें प्रदान करके अपनी विनिर्माण सुविधाओं का शीघ्रता से विस्तार करने के लिए वैक्सीन उत्पादकों का सक्रिय रूप से समर्थन करना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि यह समय कानून में अनिवार्य लाइसेंसिंग प्रावधानों को लागू करने का है, ताकि कई कंपनियां एक लाइसेंस के तहत टीकों का उत्पादन कर सकें. चूंकि घरेलू आपूर्ति सीमित है, किसी भी टीका है कि यूरोपीय चिकित्सा एजेंसी या यूएसएफडीए जैसे विश्वसनीय अधिकारियों द्वारा उपयोग के लिए मंजूरी दे दी गई है, तब घरेलू ब्रिजिंग परीक्षणों पर जोर दिए बिना आयात करने की अनुमति दी जानी चाहिए.

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उन्होंने कहा, हम एक अभूतपूर्व आपातकाल का सामना कर रहे हैं और विशेषज्ञों का मानना है कि यह छूट एक आपात स्थिति में जायज है. यह छूट सीमित अवधि के लिए हो सकती है, जिसके दौरान भारत में ब्रिजिंग परीक्षण पूरे किए जा सकते हैं. ऐसे टीकों के सभी उपभोक्ताओं को विधिवत आगाह किया जा सकता है कि इन टीकों को विदेशों में संबंधित प्राधिकरण द्वारा दी गई मंजूरी के आधार पर उपयोग के लिए अनुमति दी जा रही है. मनमोहन सिंह ने कहा कि एक साल से अधिक समय से लोग कोविड-19 महामारी से जूझ रहे हैं और इस समय दूसरे उछाल को देख लोगों इस सोच में पड़े हैं कि उनका जीवन कब सामान्य हो पाएगा.