मणिपुर में सरकार बनाने को लेकर बीजेपी और कांग्रेस के बीच खींचतान जारी है। बीजेपी ने 60 विधानसभा सीटों वाले मणिपुर में 21 सीटें जीती हैं। दूसरी, ओर कांग्रेस भी बहुमत जुटाने के प्रयास में है। कांग्रेस के पास फिलहाल 28 सीटें हैं।
बीजेपी का दावा कि उसने नागा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) की चार सीटों, नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) की चार सीटों, लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) की एक और एक निर्दलीय के समर्थन के साथ सरकार गठन के लिए आवश्यक न्यूनतम 31 सदस्यों की संख्या जुटा ली है।
बीजेपी की ओर से महासचिव राम माधव ने भी रविवार को कहा कि उनकी पार्टी मणिपुर की राज्यपाल नजमा हेपतुल्ला से मिलकर नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) और लोक जनशक्ति पार्टी लोजपा के समर्थन से राज्य में सरकार गठन का दावा पेश करेगी।
माधव ने कहा, 'हम राज्यपाल नजमा हेपतुल्ला से मिलेंगे और उनसे कहेंगे कि भाजपा को मणिपुर में सरकार बनाने का न्योता दें, जिसे एनपीपी और लोजपा का समर्थन है।'
हालांकि, पार्टी सीएम की जिम्मेदारी किसे देगी, इस बार में बीजेपी ने कोई फैसला नहीं लिया है। उम्मीद की जा रही है पार्टी 13 मार्च को इस संबंध में कोई फैसला ले लेगी।
एनपीपी की पलटी
इस बीच यह खबरें भी हैं कि मणिपुर में बीजेपी को समर्थन देने का ऐलान करने वाली नेशनल पीपल्स पार्टी ने पलटी मार दी है। अब एनपीपी ने बीजेपी से समर्थन वापस लेकर कांग्रेस गठबंधन में शामिल होने का ऐलान कर दिया है।
हालांकि, इस खबर की पुष्टि नहीं हो सकी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक एनपीपी ने कांग्रेस को समर्थन देने के लिए राज्यपाल को भी चिट्ठी लिखी है।
अगर ऐसा होता है तो कांग्रेस नेता और राज्य के मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी के लिए दोबारा सरकार बनाना आसान हो जाएगा। इस चुनाव में कांग्रेस को 28 सीटें मिली है और अगर एनपीपी के चार सीटों को इसमें जोड़ दें तो कांग्रेस बहुमत के जादुई आंकड़े को पार कर लेगी।
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Source : News Nation Bureau