अन्य राज्यों की तरह बिहार में लगातार कांग्रेस की चुनावी हार और चुनावों में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा पर इस्तीफे का दबाव बना हुआ था। इसे लेकर ये कहा जा रहा था कि वो प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा इस्तीफा दे सकते हैं। इस बीच गुरुवार को उन्होंने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की।
मदन मोहन झा ने गुरुवार को दिल्ली पहुँचकर राहुल गांधी से मुलाकात कि इस बाद उन्होंने कहा कि वह 6 महीने पहले ही प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे चुके हैं और उनका इस्तीफा स्वीकार भी कर लिया गया है। दरअलस बिहार में कांग्रेस की स्थिति लगातार खराब हो रही, इसके लिए सीधे तौर पर बिहार के प्रदेश मदन मोहन झा को ही केंद्रीय नेतृत्व और पार्टी की ओर से जिम्मेदार माना जा रहा था। वो करीब चार साल से पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद की कमान संभाल रहे थे।
गौरतलब है कि लगातार पार्टी की स्थिति खराब होने लगातार कार्यकर्ताओं में कमी, चुनावों हार, जिला स्तर पर कमेटियों का गठन न हो पाने की वजह से उन पर सवाल उठ रहे थे। हालांकि मदन मोहन झा ने विधानसभा चुनाव के बाद इस्तीफे की पेशकश तो की थी लेकिन इस्तीफा दिया नहीं था।
जानकारी के मुताबिक मदन मोहन झा और बिहार प्रभारी भक्त चरण दास के बीच मनमुटाव बीच का एक मुख्य कारण माना जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक दोनों नेताओं के बीच कई नर तीखी नोक झोक भी हो चुकी है। इसी तरह की एक बहस के बीच भक्त चरण दास ने मदन मोहन झा को ये साफ तौर पर कह दिया था कि कांग्रेस के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए।
इसके बाद से पार्टी के भीतर नेताओं और कार्यकतार्ओं का कहना है कि मदन मोहन झा पर लगातार इस्तीफे का दबाव बना हुआ था। माना जा रहा है इसी वजह से उन्हें दिल्ली बुलाया गया था।
उल्लेखनीय है कि 17 अप्रैल से गांधी संदेश यात्रा की शुरूआत चंपारण से प्रस्तावित थी, लेकिन अंतिम समय में बिना किसी बड़ी वजह के यूथ कांग्रेस की इस यात्रा को टाल दिया गया और प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा को दिल्ली तलब किया गया। जिसके बाद से ही बिहार प्रदेश अध्यक्ष के पद से मदन मोहन झा के इस्तीफे कयास लगाए जाने लगे थे।
डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.
Source : IANS