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लॉकडाउन: प्रवासी श्रमिकों की समस्याओं के समाधान को लेकर मेधा पाटकर का उपवास जारी

कोरोना वायरस संक्रमण के कारण लॉकडाउन में फंसे प्रवासी मजदूरों की समस्याओं के शीघ्र समाधान की मांग को लेकर बड़वानी जिले में एक दिन के उपवास पर बैठीं सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर ने मंगलवार को उपवास को जारी रखी हुई हैं.

Updated on: 06 May 2020, 04:00 AM

बड़वानी:

कोरोना वायरस संक्रमण के कारण लॉकडाउन में फंसे प्रवासी मजदूरों की समस्याओं के शीघ्र समाधान की मांग को लेकर बड़वानी जिले में एक दिन के उपवास पर बैठीं सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर ने मंगलवार को अपने उपवास को जारी रखते हुए इसे अगले 48 घंटे के लिए और बढ़ा दिया है. इसके अलावा, मेधा ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को मंगलवार को पत्र लिखकर लॉकडाउन के दौरान राज्य में शराब की दुकानों को फिर से खोलने के निर्णय पर भी आपत्ति जताई है.

मेधा पिछले 24 घंटे से उपवास पर बैठकर मुंबई आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग-3 पर बड़वानी जिले में सेगवाल के समीप उपवास कर रही हैं. लेकिन पिछले 24 घंटे में सरकार की तरफ से किसी ठोस आश्वासन के नहीं मिलने पर उन्होंने अपने उपवास की अवधि को अगले 48 घंटे के लिए और बढ़ा दिया है. वह यह उपवास एक राज्य से दूसरे राज्य तक परेशानियों से जूझते हुए जा रहे मजदूरों को दो वक्त की रोटी और घर पहुंचने के लिए उपयुक्त वाहन की व्यवस्था मुहैया कराने की मांग को लेकर कर रहीं हैं.

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अपनी इस मांग को लेकर मेधा ने चौहान को पत्र लिखकर मांग की है कि महाराष्ट्र और गुजरात से 1,000 से 1,700 किलोमीटर पैदल चलने को मजदूर मजबूर हैं. जिन अधिकारी-कर्मचारियों को इन प्रवासी मजदूरों को एक राज्य से दूसरे राज्य में ले जाने की जिम्मेदारी दी गई है उनके नंबर तक नहीं मिल पा रहे हैं. मेधा ने कहा कि राज्यों के बीच में समन्वय का भी अभाव है. उन्होंने कहा कि जिला स्तर के अधिकारी कह रहे हैं कि उनके पास पर्याप्त निधि नहीं है.

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आपदा प्रबंधन और ‘पीएम केयर्स फंड’ के नाम पर बहुत सारी धनराशि एकत्र हुई हैं, फिर भी शासन मदद को तैयार नहीं हैं. पाटकर ने सवाल किया कि 68,000 करोड़ रुपए की छूट जब करोड़पतियों को दी जाती है तब वित्तीय संकट कैसे है?