रेलवे ने एक मई से अब तक 542 ‘श्रमिक स्पेशल ट्रेन’ चलाई है और लॉकडाउन के कारण देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे 6.48 लाख प्रवासियों को उनके घर पहुंचाया है. अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी. केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से सोमवार को जारी एक वक्तव्य में कहा गया कि श्रमिकों को तेजी से घर पहुंचाने के वास्ते रेलवे अब प्रतिदिन सौ श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाएगा. अभी तक चलाई गई 542 ट्रेनों में से 448 अपने गंतव्य पर पहुंच गई हैं और 94 रास्ते में हैं.
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गंतव्य पर पहुंची 448 ट्रेनों में से 221 उत्तर प्रदेश पहुंची। इसके अतिरिक्त 117 ट्रेन बिहार पहुंची, मध्य प्रदेश में 38, ओडिशा में 29, झारखंड में 27, राजस्थान में चार, महाराष्ट्र में तीन, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल में दो-दो और आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक और तमिलनाडु में एक-एक ट्रेन अपने गंतव्य पर पहुंची. इन ट्रेनों द्वारा प्रवासियों को तिरुचिरापल्ली, टिटलागढ़, बरौनी, खंडवा, जगन्नाथपुर, खुर्दा रोड, प्रयागराज, छपरा, बलिया, गया, पूर्णिया, वाराणसी, दरभंगा, गोरखपुर, लखनऊ, जौनपुर, हटिया, बस्ती, कटिहार, दानापुर, मुजफ्फरपुर, सहरसा इत्यादि शहरों तक पहुंचाया गया.
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ट्रेन पर चढ़ने से पहले यात्रियों की पूरी जांच की गई. यात्रा के दौरान यात्रियों को मुफ्त भोजन और पानी दिया गया. सोमवार से प्रत्येक श्रमिक स्पेशल ट्रेन 1,700 श्रमिकों को लेकर उनके घर पहुंचाने के लिए रवाना की गई. शुरुआत में किसी भी स्टेशन पर इन ट्रेनों के रुकने की योजना नहीं थी लेकिन सोमवार को रेलवे ने घोषणा की कि गंतव्य राज्यों में अधिकतम तीन स्टेशनों पर रुकने की अनुमति दी जाएगी. अधिकारियों ने कहा कि इस संबंध में राज्य सरकारों के अनुरोध पर यह निर्णय लिया गया.