logo-image

लखीमपुर कांड पर बोले सिद्धू- पहले मंत्री को गिरफ्तार करो फिर हम चले जाएंगे

उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव नजदीक है. ऐसे में सभी विपक्षी पार्टियां लखीमपुर खीरी केस को लेकर राजनीतिक रोटियां सेकने में जुटी हैं. इस क्रम में कांग्रेस नंबर वन साबित हो रही है, क्योंकि सबसे पहले कांग्रेसी कुनबा लखीमपुर खीरी में पीड़ित परिवारों से मिलने में सफल हुआ है.

Updated on: 07 Oct 2021, 05:48 PM

highlights

  • लखीमपुर खीरी जा रहे सिद्धू के काफिले को रोका, सभी हिरासत में
  • सहारनपुर में नवजोत सिंह बोले- हमारे यहां पीठ नहीं, छाती पर वार करते हैं
  • हम राहुल गांधी के सिपाही हैं, जिसको मारना है मारो : सिद्धू

नई दिल्ली:

उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव नजदीक है. ऐसे में सभी विपक्षी पार्टियां लखीमपुर खीरी केस को लेकर राजनीतिक रोटियां सेकने में जुटी हैं. इस क्रम में कांग्रेस नंबर वन साबित हो रही है, क्योंकि सबसे पहले कांग्रेसी कुनबा लखीमपुर खीरी में पीड़ित परिवारों से मिलने में सफल हुआ है. इसके बाद पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू और पंजाब के मंत्री अपने कार्यकर्ताओं के साथ लखीमपुर खीरी के लिए रवाना हुए, लेकिन यूपी पुलिस ने सहारनपुर में सभी को रोककर हिरासत में ले लिया है. इसके बाद नवजोत सिद्धू ने योगी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि हमारे यहां पीठ पर नहीं, छाती पर वार करते हैं.

यह भी पढ़ें : लखीमपुर जा रहे सिद्धू समेत पंजाब के कई मंत्री हिरासत में, देखें Video

सहारनपुर जिले में हरियाणा बॉर्डर पर यमुना नदी के पुल पर यूपी पुलिस ने नवजोत सिंह सिद्धू के काफिले को रोक लिया है. इसके बाद सभी को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है. लखीमपुर खीरी जाने से रोकने पर नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि आप केंद्रीय मंत्री और उनके बेटे के खिलाफ कुछ नहीं करेंगे, लेकिन हमें पीड़ित परिवारों का दुख बांटने से रोकेंगे. क्या केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा 'टेनी' और उनके बेटे आशीष मिश्रा कानून से ऊपर हैं. मंत्री को पहले गिरफ्तार करो फिर हम चले जाएंगे. उन्होंने किसानों की पीठ में गाड़ी चढ़ाकर उन्हें रौंदा है. 

यह भी पढ़ें : लखीमपुर केस में दो आरोपी गिरफ्तार, मंत्री के बेटे से भी होगी पूछताछ

सिद्धू ने यूपी पुलिस को जवाब देते हुए कहा कि तुम कुछ नहीं कहोगे और हमें तुम कानून सिखाओगे. चाहे मारो पीटो, लेकिन हमलोग लखीमपुर खीरी जरूर जाएंगे. हम यहां चाय पीने नहीं आए हैं, हम पीड़ित परिवार के यहां ही चाय पीएंगे. हम राहुल गांधी के सिपाही हैं, जिसको मारना है मारो, कोई हाथ नहीं उठाएगा. इस दौरान किसान मजदूर एकता जिंदाबाद के नारे भी लगे.