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Ladakh: कैप्टन गीतिका कौल बनीं सियाचिन में तैनात होने वाली पहली महिला मेडिकल ऑफिसर

Captain Geetika Koul: कैप्टन गीतिका कौल दुनिया के सबसे ऊंचे युद्ध क्षेत्र में तैनात होने वाली पहली महिला मेडिकल ऑफिसर बन गई हैं. उन्हें सियाचिन में कड़ी ट्रेनिंग देने के बाद तैनात किया गया है.

Updated on: 05 Dec 2023, 02:31 PM

highlights

  • सियाचिन में तैनात की गई कैप्टन गीतिका कौल
  • मेडिकल ऑफिसर हैं कैप्टन गीतिका कौल
  • दुनिया का सबसे ऊंचा युद्ध क्षेत्र है सियाचिन

नई दिल्ली:

Captain Geetika Koul: भारत की बेटियां हर क्षेत्र में कामयाबी के झंडे फहरा रही हैं. इन्हीं में से एक है कैप्टन गीतिका कौल. जिन्होंने भारतीय सेना के इतिहास में अपना नाम सुनहरे अक्षरों में दर्ज करा दिया. दरअसल, कैप्टन गीतिका कौल पहली महिला बन गई हैं जिन्हें दुनिया के सबसे ऊंचे युद्ध के मैदान सियाचिन में मेडिकल ऑफिसर के रूप में तैनाती मिली है. कैप्टन गीतिका कौल फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स और स्नो लेपर्ड ब्रिगेड की मेंबर हैं. उन्होंने सियाचिन बैटल स्कूल में बहुत कठोर ट्रेनिंग ली और उसके बाद अब उन्हें सियाचिन में मेडिकल ऑफिरस के रूप में तैनाती मिल गई.

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कैप्टन गीतिका ने अपनी इस उपलब्धि पर खुशी जताई है. इसके साथ ही उन्होंने भारतीय सेना का भी आभार जताता, जिसने उन्हें देश सेवा के लिए चुना और इस ऐतिहासिक पल का साक्षी बनाया. कैप्टन दीपिका कौल ने कहा कि वे देश के लिए अपना हर फर्ज निभाएंगी और अपनी जान दांव पर लगाकर भी उसकी रक्षा करेंगी. भारतीय सेना की फायर एंड फ्यूरी कोर ने सोशल मीडिया पर एक तस्वीर शेयर कर इस बारे में जानकारी दी.

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भारतीय सेना की फायर एंड फ्यूरी कोर ने उनकी तस्वीरों को शेयर करते हुए बताया कि उनका महत्वपूर्ण समर्पण, सक्षमता और बाधाओं को तोड़कर राष्ट्र की सेवा में उत्कृष्टता हासिल करने का जज्बा दूसरों को भी प्रेरणा देगा. बता दें कि भारतीय सेना की सियाचिन बैटल स्कूल में ट्रेनिंक का काफी मुश्किल माना जाता है. जिसे शारीरिक और मानसिक सहनशक्ति की एक कठिन परीक्षा माना जाता है. इसमें उच्च ऊंचाई अनुकूलन, अस्तित्व तकनीक और कठोर परिस्थितियों में संचालन के लिए महत्वपूर्ण विशेष चिकित्सा प्रक्रियाओं को शामिल किया जाता है.

दुनिया का सबसे ऊंचा युद्ध क्षेत्र है सियाचिन

बता दें कि सियाचिन हिमालय के उत्तरी भाग में दुनिया का सबसे ऊंचा युद्ध का मैदान है. जहां अपने सामरिक महत्व के साथ-साथ अपनी प्रतिकूल जलवायु और चुनौतीपूर्ण इलाके के लिए जाना जाता है. इस खतरनाक युद्ध के मैदान में पहली महिला चिकित्सा अधिकारी के रूप में तैनात की गईं कैप्टन गीतिका कौल भारतीय सेना के भीतर लैंगिक समावेशन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही हैं. बता दें कि इसी साल अक्टूबर में भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) ने 15,500 फीट से ज्यादा की ऊंचाई पर तैनात सैनिकों के लिए मोबाइल नेटवर्क उपलब्ध कराने के लिए सियाचिन ग्लेशियर में एक नया बेस ट्रांसीवर स्टेशन स्थापित किया था.

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भारत और पाकिस्तान के लिए महत्वपूर्ण क्षेत्र है सियाचिन

सियाचिन को दुनिया का सबसे ऊंचा युद्ध का क्षेत्र माना जाता है. जो भारत और उसके पड़ोसी देश पाकिस्तान के लिए काफी महत्वपूर्ण है. जिसका विस्तार हिमालय की काराकोरम रेंज के पूर्वी भाग में समुद्र तल से करीब 5753 मीटर यानी 20 हजारप फीट की ऊंचाई तक है. इस युद्ध के मैदान से भारतीय सेना के जवान लेह, लद्दाख और चीन पर पैनी नजर रखते हैं. सियाचिन में हमेशा करीब दस हजार जवान तैनात रहते हैं. यहां का पारा हमेशा माइनस में रहता है. भारतीय सेना ने साल 1984 में सियाचिन को अपना मिलिट्री बेस कैंप बनाया था. इस क्षेत्र में तैनात जवानों पर हर साल करोड़ों रुपये का खर्च आता है. जहां भारतीय सेना के जवान बर्फ में चलकर दुश्मनों से देश की सरहदों को सुरक्षित रखते हैं.