logo-image

इजरायल-फिलीस्तीन संघर्ष से कश्मीर में फिजा खराब होने की आशंका

उत्तर प्रदेश में इजरायल के उत्पादों के बहिष्कार के पोस्टर लगे तो जम्मू-कश्मीर में भी ऐसे ही विरोध-प्रदर्शनों की आशंका बढ़ गई है.

Updated on: 16 May 2021, 01:29 PM

highlights

  • इजरायलृफिलिस्तीन संघर्ष पर कश्मीर में आ सकता है उबाल
  • दो देशों को संघर्ष को फायदा उठा सकती हैं विदेशी ताकतें
  • पुलिस ने कहा वह ऐसी घटना से निपटने को तैयार

श्रीनगर:

इजरायल-फिलीस्तीन के बीच संघर्ष अब युद्ध में तब्दील होता जा रहा है. इसके साथ ही दुनिया में इसको लेकर खेमेबंदी भी शुरू हो गई है. कई जगह इजरायल के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं और पोस्टर लगाए जा रहे हैं. इजरायल विरोध की इस हवा से भारत भी अछूता नहीं बचा है. उत्तर प्रदेश में इजरायल के उत्पादों के बहिष्कार के पोस्टर लगे तो जम्मू-कश्मीर में भी ऐसे ही विरोध-प्रदर्शनों की आशंका बढ़ गई है. हालांकि पुलिस ने दो टूक कहा है कि वह ऐसे किसी भी हालात से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं.

जम्मू-कश्मीर पुलिस है सतर्क
पुलिस ने एक बयान में कहा कि हमारी ऐसे लोगों पर कड़ी नजर है, जो कश्मीर घाटी में सार्वजनिक शांति और व्यवस्था को बिगाड़ने के लिए इजरायल-फिलिस्तीन विवाद का फायदा उठाने की कोशिश कर रहे हैं. पुलिस ने एक बयान में कहा, हम एक पेशेवर फोर्स हैं और जनता की पीड़ा को लेकर संवेदनशील हैं, लेकिन साथ ही जम्मू-कश्मीर पुलिस की कानून-व्यवस्था सुनिश्चित करने की कानूनी जिम्मेदारी भी है.

यह भी पढ़ेंः पीएम मोदी ने कोरोना प्रभावित 4 राज्यों के CM के साथ की बैठक

किसी भी कीमत पर सड़कों पर हिंसा नहीं होने देंगे
पुलिस ने स्पष्ट किया कि वह कश्मीर की सड़कों पर हिंसा, अराजकता और अव्यवस्था को सहन नहीं करने वाले हैं. पुलिस ने कहा कि वह किसी भी कीमत पर जनता के गुस्से को हिंसक तरीके से भुनाने की अनुमति नहीं देंगे. पुलिस बल ने कहा कि राय व्यक्त करना एक स्वतंत्रता है, लेकिन सड़कों पर हिंसा भड़काना गैरकानूनी है.

यह भी पढ़ेंः दिल्ली एनसीआर दिल्ली में एक हफ्ते और बढ़ा लॉकडाउन, अब 24 तक रहेंगी पाबंदियां

सोशल मीडिया पर है नजर
पुलिस ने साफ किया कि उसकी नजर सोशल मीडिया पर भी है और किसी भी तरह की भड़काऊ पोस्ट करने वाले के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. पुलिस ने बयान में कहा कि ऐसे सभी गैर-जिम्मेदार सोशल मीडिया टिप्पणियों को लेकर कार्रवाई की जाएगी जिनसे हिंसा होने का खतरा हो और कोविड प्रोटोकॉल जैसे कानूनों का उल्लंघन होता हो.