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कोरोनाः ब्रुनेई और सिंगापुर से ऑक्सीजन लेकर विशाखापत्तनम पहुंचा INS जलाश्व

मोदी सरकार ने इसके लिए युद्धस्तर पर काम किया और विदेशों से भी मेडिकल ऑक्सीजन मंगाने का फैसला लिया है. इसके तहत कई देशों से ऑक्सीजन और अन्य जरूरी दवाइयों को मंगाया गया है. इस काम में वायुसेना के साथ नौसेना को भी लगाया गया था.

Updated on: 23 May 2021, 05:07 PM

highlights

  • ऑक्सीजन और वेंटीलेटर लेकर भारत पहुंचा INS जलाश्व
  • सांसों पर आए संकट को दूर करने के लिए नौसेना ने चलाया 'ऑपरेशन सेतु समुद्रम-2'

नई दिल्ली:

देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर (Corona 2nd Wave) के कारण मचे हाहाकार के बीच देशभर के अस्पतालों में ऑक्सीजन (Oxygen Shortage) की भारी किल्लत देखने को मिली थी. ऑक्सीजन की इस कमी को दूर करने के लिए केंद्र सरकार ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी. मोदी सरकार ने इसके लिए युद्धस्तर पर काम किया और विदेशों से भी मेडिकल ऑक्सीजन मंगाने का फैसला लिया है. इसके तहत कई देशों से ऑक्सीजन और अन्य जरूरी दवाइयों को मंगाया गया है. इस काम में वायुसेना के साथ नौसेना को भी लगाया गया था. नौसेना ने इसे ऑपरेशन 'सेतु समुद्रम-2' (Operation Setu Samudram-2) नाम दिया है. 

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ऑपरेशन सेतु समुद्रम के तहत विदेश से ऑक्सीजन लेकर नौसेना के युद्धपोत भारत पहुंचने लगे हैं. नौसेना का युद्धपोत आईएनएस जलाश्व आज ब्रुनेई और सिंगापुर से ऑक्सीजन सिलेंडर और वेंटिलेटर सहित COVID राहत खेप के साथ विशाखापत्तनम पहुंचा. नौसेना ने इसकी जानकारी दी. इससे पहले आईएनएस तलवार युद्धपोत बहरीन से दो टैंकर्स में 27 मैट्रिक-टन लिक्विड ऑक्सीजन लेकर कर्नाटक के मंगलौर बंदरगाह पहुंचा था. आईएनएस कोलकता जहाज और आईएनएस ऐरावत को भी इसी काम में लगाया गया था. 

नौसेना प्रवक्ता कमांडर विवेक मधवाल ने इस ऑपरेशन के शुरू होने पर मीडिया को बताया था कि 9 युद्धपोत मुंबई, विशाखापत्तनम और कोच्चि में तीनों नेवी कमांड से भेजे गए हैं। ‘ऑपरेशन सेतु समुद्रम-2’ के तहत इन 9 युद्धपोत को भेजना भारत सरकार व भारतीय नौसेना के उन विभिन्न प्रयासों का हिस्सा है, जो देश में ऑक्सीजन की आवश्यकता को पूरा करने के लिए किए जा रहे हैं.

कुवैत से आईएनएस कोलकाता 27 टन ऑक्सीजन से भरे दो टैंक, 400 ऑक्सीजन सिलिंडर और 47 ऑक्सीजन कंसनट्रेटर लेकर आया था. चार अन्य युद्धपोत कतर और कुवैत से ऑक्सीजन और वेंटिलेटर लेकर भारत आए थे. इन चारों युद्धपोत अपने साथ 27 टन ऑक्सीजन से भरे 9 टैंक और 1500 से ज्यादा ऑक्सीजन सिलिंडर लेकर आए थे. जिससे देश पर आए सांसों के संकट को दूर हुआ था. 

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नौसेना के अलावा वायुसेना ने भी सांसों के इस संकट को दूर करने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी. वायुसेना ने ना सिर्फ विदेशों से मेडिकल ऑक्सीजन को देश में पहुंचाया. बल्कि देश के दूर दराज क्षेत्रों में उसको समय से पहुंचाया भी. रक्षा मंत्रालय ने एक ट्वीट करके बताया था कि '29 अप्रैल 2021 तक भारतीय वायुसेना ने विदेशों से 23 सॉर्टीज की हैं, जिसमें 670 मीट्रिक टन क्षमता के साथ 39 ऑक्सीजन कंटेनरों को एयरलिफ्ट किया गया, जबकि देश के भीतर 124 सॉर्टीज हुई हैं. उसमें 87 कंटेनरों को एयरलिफ्ट किया गया, जिसकी क्षमता 1798 मीट्रिक टन है.'