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भारत की 'डिजिटल स्ट्राइक' से तिलमिलाया चीन, करने लगा नफा-नुकसान की बातें

पूर्वी लद्दाख में जारी गतिरोध के बीच भारत ने फिर से डिजिटल स्ट्राइक कर डाली तो चालबाजी चीन इससे तिलमिला उठा है. चीन को समझ आ गया है कि भारत के इस कदम से उसे भारी नुकसान झेलने पड़ेगा.

Updated on: 04 Sep 2020, 08:23 AM

बीजिंग:

पूर्वी लद्दाख में जारी गतिरोध के बीच भारत ने फिर से डिजिटल स्ट्राइक (digital strike) कर डाली तो चालबाजी चीन इससे तिलमिला उठा है. चीन को समझ आ गया है कि भारत के इस कदम से उसे भारी नुकसान झेलने पड़ेगा. लिहाजा विस्तारवादी नीति पर चलने वाले चीन (China) अब नफा-नुकसान की बातें करने लगा है. भारत ने 118 चीनी ऐप्स (Chinese Apps) को बैन कर दिया तो इस पर ड्रैगन का कहना है कि इस फैसले से किसी भी पक्ष को कोई फायदा नहीं होगा. मगर चीन यह भी भूल जाता है कि सरहद पर वह जो चालबाजी कर रहा है, उसका परिणाम क्या होगा. इतना ही नहीं, अब वह भारत (India) को उल्टे नियम-कानून का पाठ सिखा रहा है.

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चीन की सरकार का कहना है कि इस निर्णय से भारतीय उपयोक्ताओं के साथ-साथ चीन की कंपनियों को भी नुकसान होगा. यह कदम विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) नियमों का उल्लंघन है. बता दें कि भारत ने बुधवार को लोकप्रिय खेल ऐप 'पबजी' समेत चीन से संबंध रखने वाले अतिरिक्त 118 मोबाइल ऐप पर प्रतिबंध लगा दिया. इसकी वजह राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा और डेटा की गोपनीयता से जुड़ी चिंता है. भारत अब तक चीन से जुड़े कुल 224 ऐप पर प्रतिबंध लगा चुका है. ताजा कदम पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ फिर से सीमा तनाव बढ़ने के बाद उठाया गया है.

चीन के वाणिज्य मंत्रालय के संवाददाता सम्मेलन में प्रवक्ता गाओ फेंग ने कहा, 'भारत सरकार ने ‘राष्ट्रीय सुरक्षा' की अवधारणा का दुरुपयोग किया और चीन की कंपनियों के खिलाफ भेदभावपूर्ण प्रतिबंध उपायों को अपनाया. यह विश्व व्यापार संगठन के नियमों का उल्लंघन है और उसकी प्रासंगिकता को कम करता है. चीन भारत से उसकी गलत प्रक्रियाओं को सुधारने का आग्रह करता है.'

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सरकारी टीवी चैनल सीजीटीएन ने फेंग के हवाले से कहा, 'चीन-भारत के बीच आर्थिक और व्यापार सहयोग दोनों के लिए लाभकारी है. चीन उम्मीद करता है कि दोनों देश बड़ी मुश्किल से तैयार हुए सहयोग माहौल को संयुक्त तौर पर बनाए रखेंगे. साथ ही चीन की कंपनियों समेत अंतरराष्ट्रीय निवेशकों और सेवा प्रदाताओं के लिए खुला व निष्पक्ष कारोबारी माहौल तैयार करेंगे.'

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने एक अलग संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'इन उच्च प्रौद्योगिकी वाली, उपयोग में सुगम और लोकप्रिय ऐप को प्रतिबंधित कर भारत ने सबसे पहले भारतीय उपयोक्ताओं के अधिकार व हितों का नुकसान किया है. इससे चीन की कंपनियों के हितों को भी नुकसान पहुंचा है. इस कदम से किसी को लाभ नहीं हुआ है.'

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उन्होंने कहा कि अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने उसी दिन भारत के चीनी ऐप पर प्रतिबंध का उदाहरण देते हुए अन्य देशों से भी उसका अनुसरण करने को कहा. ‘इसलिए मुझे नहीं पता कि क्या इसे लेकर भारत व अमेरिका के बीच कोई बातचीत हुई है और इसमें कोई संबंध है. चुनयिंग ने कहा, 'लेकिन एक देश के तौर पर भारत पुरातन सभ्यता है और इतनी समझदार है कि उसे डर्टबॉक्स, प्रिज्म, इरिटेंट हॉर्न, मस्कुलर और समुद्री इंटरनेट केबल की टैपिंग के बारे में पता होना चाहिए. भारत पूरी तरह जानता है कि अमेरिकी नीतियों और गतिविधियों को लेकर वह (अमेरिका) कितना साफ-सुथरा या गलत है.'

लद्दाख पर सीमा तनाव से जुड़े संदर्भों को दरकिनार करते हुए चुनयिंग ने कहा, 'स्वतंत्रता अनमोल है. हमें उम्मीद है कि भारत इस पर टिका रहेगा. कोई भी निर्णय अल्पकालिक लाभ को ध्यान में रखकर नहीं लिया जाना चाहिए, जो दोनों देशों और उनके लोगों के दीर्घकालिक हितों को नुकसान पहुंचाए.' उन्होंने ध्यान दिलाया कि दोनों देश पड़ोसी हैं और दोनों को अपनी सभ्यताओं पर गर्व है. दोनों देशों के रिश्ते 1,000 साल पुराने हैं. भारत के नोबल पुरस्कार प्राप्त कवि रविंद्र नाथ टैगोर, योग और दंगल जैसी भारतीय फिल्म चीन में बेहद लोकप्रिय है. चुनयिंग ने कहा, 'हम दुनिया को गलत समझते हैं और कहते हैं कि इसने हमें धोखा दिया.'