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टी-90 भीष्‍म टैंक की रेजिमेंट तैयार कर रहा है भारत, अब जमीन पर दौड़ृते हुए आसमान में मार गिराएंगे फाइटर प्‍लेन

सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी ने एक महीने पहले रूस से लाइसेंस अधिग्रहण को मंजूरी दे दी थी.

Updated on: 07 May 2019, 02:55 PM

highlights

  • टी-90 भीष्‍म टैंक की तैनाती से बढ़ जाएगी भारतीय सेना की मारक क्षमता
  • भारत ने पहले से ही टी -90 टैंकों की 18 रेजिमेंटों को शामिल किया है
  • CCS एक महीने पहले रूस से लाइसेंस अधिग्रहण को मंजूरी दे दी थी

नई दिल्‍ली:

सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण और पाकिस्तान के साथ सीमा पर अपनी तैयारी को विस्‍तार देने के लिए भारत 13448 करोड़ रुपये की लागत से अतिरिक्त 464 रूसी मूल के उन्नत T-90 'भीष्म' युद्धक टैंक को तैनात करेगा. टाइम्स ऑफ़ इंडिया की रिपोर्ट ने रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के हवाले से कहा है कि टी -90 टैंकों का उत्पादन करने वाले "इंडेंट" को जल्द ही ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड के तहत हैवी व्हीकल फैक्ट्री (एचवीएफ) पर रखा जाएगा. सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी ने एक महीने पहले रूस से लाइसेंस अधिग्रहण को मंजूरी दे दी थी.

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नए अधिग्रहण से नई टी -90 रेजिमेंटों में 10 और इकाइयां बढ़ेंगी और रात की लड़ाई के दौरान टैंक कमांडर को दुश्मन के स्थानों पर हमला करने की अनुमति देने के लिए थर्मल इमेजिंग नाइट से लैस किया जाएगा. इस नई कवायद से पाकिस्तान के साथ जम्मू से लेकर गुजरात में पश्चिमी तट तक सेना को मजबूती मिलेगी. भारत ने पहले से ही टी -90 टैंकों की 18 रेजिमेंटों को शामिल किया है, जो राजस्थान और पंजाब में पाकिस्तान के मोर्चे पर तैनात हैं.

अब तक, भारतीय सेना के 67 बख्तरबंद रेजिमेंटों में लगभग 1,070 टी -90 टैंक और साथ ही 124 ’अर्जुन’ और 2,400 पुराने टी -72 टैंक हैं. भारतीय सेना ने अपनी पैदल सेना और बख्तरबंद कोर को आधुनिक बनाने के लिए एक मेगा योजना तैयार की थी. हालांकि, 60,000 करोड़ के फ्यूचरिस्टिक इन्फैंट्री कॉम्बैट व्हीकल (FICV) कार्यक्रम सहित लगभग सभी खरीद परियोजनाएं कई कारणों से अटकी हुई हैं.

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वर्तमान में, भारत की बख़्तरबंद रेजीमेंट्स, जिसमें मुख्य रूप से टी -90, टी -72 और अर्जुन टैंक शामिल हैं, की पाकिस्तान पर बढ़त हासिल है, लेकिन सूत्रों ने कहा कि इस्लामाबाद जल्द से जल्द अंतर को पाटने की योजना बना रहा था.

सूत्रों ने कहा कि भारतीय सेना की लगभग 67 बख्तरबंद रेजीमेंटों के खिलाफ पाकिस्तान आर्मी में इसी तरह की रेजीमेंट्स की संख्या 51 के आसपास है. वर्तमान में पाकिस्तान के शस्त्रागार में 70 प्रतिशत से अधिक टैंक रात के दौरान काम करने की क्षमता रखते हैं, जो उन्होंने कहा, चिंता का विषय था.