पाकिस्तान के बयान से मसूद अजहर को UN में वैश्विक आतंकी घोषित करने में भारत को मिली मजबूती
भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सभी 15 सदस्यों तक पहुंचने की कोशिश कर रहा है और मसूद अजहर को यूएन द्वारा वैश्विक आतंकी घोषित करवाने में कोई कसर नहीं छोड़ेगा.
नई दिल्ली:
पाकिस्तान में आतंकी संगठनों को संरक्षण देने और साथ ही बातचीत की भी कोशिश करने के बीच भारत ने कहा कि वह आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में पीछे नहीं हटेगा. भारत ने कहा कि किसी भी देश से मध्यस्तता का प्रस्ताव नहीं है. सूत्रों के मुताबिक भारत विश्व को कह चुका है कि यह भारत-पाकिस्तान का मुद्दा नहीं है, यह आतंकवाद का विषय है. पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने हाल के इंटरव्यू में स्पष्ट किया है कि पाकिस्तान सरकार जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) प्रमुख मसूद अजहर के संपर्क में है, उन्होंने इंकार नहीं किया कि अजहर जैश का प्रमुख है. मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 समिति की प्रतिबंध लगाने के भारत के मामले को पुख्ता करता है.
मसूद अजहर की बीमारी के रिपोर्ट पर कहा गया कि भारत ऐसी रिपोर्ट्स को नहीं मानता है, इससे पहले भी मुल्लाह उमर और ओसामा बिन लादेन पर ऐसी ही रिपोर्ट्स देखी गई थी. हमारा प्रयास मसूद अजहर को वापस लाकर उसके द्वारा किए गए आतंकी हमलों में केस दर्ज करना है.
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करने को ढोंग रच रहा है और भारत के खिलाफ निशाना बना रहा है. नई दिल्ली फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) के सभी सदस्यों को आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई में इस्लामाबाद की खामियों को साझा करेगा.
सूत्रों ने कहा कि भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सभी 15 सदस्यों (5 स्थायी और 10 अस्थायी सदस्य) तक पहुंचने की कोशिश कर रहा है और मसूद अजहर को यूएन द्वारा वैश्विक आतंकी घोषित करवाने में कोई कसर नहीं छोड़ेगा.
सूत्रों ने कहा है कि भारत का लक्ष्य आतंकवाद के खिलाफ लड़ना है और बालाकोट में एयरस्ट्राइक दिखाता है कि देश के पास क्षमता है. भारत आतंक के खिलाफ कार्रवाई में थोड़ा भी पीछे नहीं हटेगा.
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भारत ने यह भी कहा कि पाकिस्तान को छोड़कर इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) के सभी सदस्य उस सत्र (जहां विदेश मंत्री सुषमा स्वराज गेस्ट ऑफ ऑनर थीं) में शामिल हुए, इसलिए पाकिस्तान यहां खुद अलग-थलग पड़ गया.
हालांकि मौजूदा दबाव के बीच सोमवार को पाकिस्तान सरकार ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा निर्दिष्ट सभी प्रतिबंधित संगठनों से जुड़े लोगों और इकाईयों के खिलाफ प्रतिबंधों के कार्यान्वयन के लिए प्रक्रिया को कारगर बनाने का आदेश जारी किया है.
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (जब्ती) आदेश, 2019 को पाकिस्तान के संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) अधिनियम, 1948 के प्रावधानों के अनुसार जारी किया गया है. लेकिन इस बीच पाकिस्तान का एक और झूठ सामने आया है.
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पाकिस्तान ने मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड आतंकी हाफिद सईद के जमात-उद-दावा (जेयूडी) और खैराती इकाई फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन (एफआईएफ) पर प्रतिबंध नहीं लगाया है. पाकिस्तान ने दोनों संगठनों को 'अंडर वॉच' कैटगरी में रखा है जबकि 21 फरवरी को उसने घोषणा की थी कि इन संगठनों पर दोबारा प्रतिबंध लगा दिया है.
इसके अलावा जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आतंकी हमले की जिम्मेदारी लेने वाले आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के खिलाफ पाकिस्तान ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है.
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