चीन अपने रक्षा बजट में कर सकता है बढ़ोत्तरी, भारत से इतना गुना ज्यादा है ये बजट
चीन अपने रक्षा बजट बढ़ाने के संकेत दिए हैं. उन्होंने कहा, भविष्य में वह रक्षा बजट को और बढ़ाएगा.
नई दिल्ली:
चीन अपने रक्षा बजट बढ़ाने के संकेत दिए हैं. उन्होंने कहा, भविष्य में वह रक्षा बजट को और बढ़ाएगा. हालांकि, यह किसी को डराने-धमकाने के लिए नहीं होगा. बता दें कि चीन ने 2017 की अपेक्षा पिछले साल रक्षा बजट में 8.1 फीसदी की बढ़ोत्तरी की थी. उसने 2018 में अपना रक्षा बजट 175 अरब डॉलर (12 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा) का तय किया था. चीन की यह धनराशि भारत के रक्षा बजट से तीन गुना से भी ज्यादा है. अमेरिका ने वर्ष 2019 के लिए 717 अरब डॉलर (50 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा) के रक्षा बजट को मंजूरी दी है.
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चीएन के प्रधानमंत्री ली कछ्यांग मंगलवार को 2019 के लिए चीन के रक्षा बजट का एलान करेंगे। वह नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (एनपीसी) के सालाना सत्र में सरकार के कामकाज की रिपोर्ट पेश करेंगे. एनपीसी के प्रवक्ता झांग येसुई ने सोमवार को प्रेस कांफ्रेंस में रक्षा बजट में बढ़ोतरी के संकेत देते हुए कहा कि बड़े विकसित देशों के सैन्य बजट की तुलना में यह अभी भी कम होगा. येसुई का आशय सेना पर आकार के अनुसार खर्च को लेकर था.
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प्रवक्ता ने कहा, देश पर खतरे के कम या ज्यादा होने से रक्षा बजट का निर्धारण नहीं होता. यह देश की विदेश और राष्ट्रीय सुरक्षा नीति से तय होता है. उल्लेखनीय है कि वर्ष 2016 के बाद चीन का रक्षा बजट तेजी से बढ़ा है और यह हर साल बढ़ता जा रहा है. उन्होंने कहा, चीन का रक्षा बजट उसके जीडीपी का महज 1.3 प्रतिशत है, जबकि बड़े विकसित देश अपने सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का दो प्रतिशत रक्षा बजट पर खर्च करते हैं. प्रवक्ता ने कहा, चीन की नीति शांति के पथ पर चलते हुए विकास करने की है.
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एनपीसी के प्रवक्ता झांग येसुई ने कहा, देश अपनी संप्रभुता के लिए आवश्यकता के अनुसार रक्षा पर खर्च करता है. उसका अपनी सुरक्षा और देश की अखंडता बनाए रखने का उद्देश्य है. इससे किसी को चिंता करने की जरूरत नहीं है. उल्लेखनीय है कि चीन अपनी सेना को सुगठित करने के लिए सैनिकों की संख्या में लगातार कमी कर रहा है. बावजूद इसके करीब 20 लाख सैनिकों के साथ उसके पास दुनिया की सबसे बड़ी सेना है.
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