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भारत-चीन के बीच नहीं कम हो रहा तनाव, LAC पर बढ़ाई गई सैनिकों की संख्या

चीन और भारत के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के बीच तनाव कम नहीं हो रहा है. एलएसी पर चीन सैनिकों की संख्या लगातार बढ़ा रहा है. जिसका जवाब भारत ने भी दिया है

Updated on: 25 May 2020, 08:05 PM

नई दिल्ली:

चीन (China) और भारत के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के बीच तनाव कम नहीं हो रहा है. एलएसी पर चीन सैनिकों की संख्या लगातार बढ़ा रहा है. जिसका जवाब भारत ने भी दिया है. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो भारत ने भी लद्दाख में एलएसी के पर सैनिकों की संख्या बढ़ा दी है. इसके साथ ही गश्ती तेज कर दी है.

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो चीन पैंगोंग सो झील और गलवान घाटी में सैनिकों की संख्या बढ़ा रहा है. वो भारत को संदेश देने की कोशिश कर रहा है कि वो पीछे हटनेवाला नहीं है. वो भारत के साथ तनाव कम नहीं करता चाहता है. जिसका करारा जवाब भारत ने भी दिया है.

भारत ने वास्तविक नियंत्रण रेखा पर ना सिर्फ सैनिकों की संख्या बढ़ा दी है, बल्कि निगरानी भी कड़ी कर दी है. भारत ने कहा कि चीनी सेना भारत के पेट्रोलिंग में बाधा डाल रहे हैं. जबकि भारतीय सैनिक अपनी सीमा में काम कर रहे हैं.

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इधर, इलाके में गतिरोध के बीच भारतीय सेना ने रविवार को उन खबरों का खंडन किया जिसमें पूर्वी लद्दाख में गत कुछ दिनों में चीनी सैनिकों द्वारा भारतीय गश्ती दल को हिरासत में लेने का दावा किया गया था. लेकिन सेना ने इलाके की मौजूदा स्थिति के बारे में कोई विस्तृत जानकारी नहीं दी.

सेना ने बयान में कहा, ‘सीमा पर भारतीय सेना के किसी जवान को हिरासत में नहीं लिया गया है. हम स्पष्ट रूप से इसका खंडन करते हैं. जब कोई मीडिया समूह इस तरह के अपुष्ट खबर देता है तो इससे केवल राष्ट्रीय हितों को ही नुकसान होता है.’ इलाके में स्थिति की जानकारी रखने वाले व्यक्तियों ने बताया कि दोनों पक्ष गतिरोध को दूर करने की कोशिशों में जुटे हैं लेकिन अभी तक कोई सकारात्मक नतीजा सामने नहीं आया है क्योंकि दोनों सेनाएं विवादित इलाके पेंगोंग त्सो, गलवान घाटी और देमचौक में अपनी-अपनी स्थिति पर कायम है. चीनी पक्ष ने गलवान घाटी में अपनी उपस्थिति मजबूत की है और गत दो हफ्ते में वहां पर 100 तंबू लगाए है और बंकर निर्माण के लिए भारी उपकरण जमा किए हैं.

उल्लेखनीय है कि पांच मई को पेगोंग त्सो झील इलाके में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच झड़प हुई और लोहे की छड़ों, डंडों और यहां तक की पत्थरों से हमला किया गया और इसमें दोनों पक्षों के जवानों को चोटें आई. एक अलग घटना में नौ मई को 150 भारतीय और चीनी सैनिक सिक्किम के नाकू ला दर्रे के पास आमने-सामने आ गए जिसमें से कम से कम 10 जवान चोटिल हुए थे. गौरतलब है कि 2017 में डोकलाम में भारत और चीन के बीच 73 दिनों तक गतिरोध रहा और दोनों परमाणु हथियार संपन्न पड़ोसियों के बीच युद्ध की आशंका पैदा हो गई थी.

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भारत और चीन के बीच 3,488 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा को लेकर विवाद है और चीन अरुणाचल प्रदेश को दक्षिण तिब्बत का हिस्सा बताता है जबकि भारत का स्पष्ट रुख है कि यह देश का अभिन्न हिस्सा है. चीन ने जम्मू-कश्मीर के पुनर्गठन के फैसले की आलोचना की थी और खासतौर पर लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाने को लेकर आलोचना की थी. चीन लद्दाख के कई हिस्सों पर अपना हक जताता है.