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सीमा पर तनाव कम करने के लिए भारत-चीन 5 बिंदुओं पर सहमत, जानिए क्या हैं वो बातें

पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर पिछले करीब 4 महीनों से भारत और चीन में चल रही तनातनी के बीच अब दोनों ही देश इस गतिरोध को समाप्त करने पर राजी हुए हैं.

Updated on: 11 Sep 2020, 10:38 AM

नई दिल्ली:

पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर पिछले करीब 4 महीनों से भारत और चीन में चल रही तनातनी के बीच अब दोनों ही देश इस गतिरोध को समाप्त करने पर राजी हुए हैं. विदेश मंत्री एस. जयशंकर और उनके चीनी समकक्ष वांग यी के बीच मॉस्को में बृहस्पतिवार शाम हुई वार्ता में दोनों देश इस योजना पर सहमत हुए. भारत और चीन ने पांच सूत्रीय योजना पर सहमति जताई है. पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर दोनों देशों की सेनाओं के बीच मई की शुरुआत से ही तनाव कायम है.

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भारत और चीन जिन पांच बिंदुओं पर सहमत हुए हैं, उनमें सीमा के प्रबंधन से जुड़े सभी मौजूदा समझौतों एवं नियमों का पालन करना, शांति बनाए रखना और स्थिति को बिगाड़ सकने वाली हर कार्रवाई से बचना शामिल है. जयशंकर और वांग शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक में भाग लेने के लिए मॉस्को में हैं. विदेश मंत्रालय ने जयशंकर और वांग के बीच स्पष्ट एवं रचनात्मक वार्ता के बाद आज सुबह पांच-सूत्रीय संयुक्त बयान जारी किया है.

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इस संयुक्त बयान में कहा गया है, 'दोनों विदेश मंत्री इस बात पर सहमत हुए कि मौजूदा स्थिति किसी के हित में नहीं है, इसी लिए वे इस बात पर सहमत हुए कि सीमा पर तैनात दोनों देशों की सेनाओं को संवाद जारी रखना चाहिए, उचित दूरी बनाए रखनी चाहिए और तनाव को कम करना चाहिए. जयशंकर और वांग ने सहमति जताई कि दोनों पक्षों को भारत-चीन संबंधों को विकसित करने के लिए दोनों देशों के नेताओं के बीच बनी आम सहमति से मार्गदर्शन लेना चाहिए, जिसमें मतभेदों को विवाद नहीं बनने देना शामिल है.'

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बयान में कहा गया है, 'दोनों मंत्री इस बात पर सहमत हुए कि सीमा के प्रबंधन से जुड़े सभी मौजूदा समझौतों और नियमों का पालन करना चाहिए, शांति और सौहार्द बनाए रखना चाहिए तथा किसी भी ऐसी कार्रवाई से बचना है, जो तनाव बढ़ा सकती है.' जयशंकर और वांग वार्ता में इस बात पर सहमत हुए कि जैसे ही सीमा पर स्थिति बेहतर होगी, दोनों पक्षों को सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और सौहार्द बनाने के लिए नए विश्वास को स्थापित करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ना चाहिए.

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संयुक्त बयान में कहा गया कि दोनों पक्षों ने भारत-चीन सीमा मामले पर विशेष प्रतिनिधि (एसआर) तंत्र के माध्यम से संवाद और संचार जारी रखने के लिए सहमति व्यक्त की है. उसने कहा, 'उन्होंने इस बात पर भी सहमति व्यक्त की कि इसकी बैठकों में भारत-चीन सीमा मामलों पर परामर्श और समन्वय के लिए कार्य तंत्र जारी रहना चाहिए.'