कोविड-19 से कम मृत्यु दर तो ठीक, लेकिन एशिया में तेजी से बढ़ रहे भारत में मामले

पिछले हफ्ते से मामलों में 28% की वृद्धि के साथ भारत अब सबसे बुरी तरह से महामारी की चपेट में आने वाले देशों में से है. पड़ोसी पाकिस्तान में 903 मौतों सहित 42,125 मामले हैं.

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Nihar Saxena
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Corona case in Maharashtra

पाकिस्तान की तुलना में भारत में कहीं तेजी से बढ़ रहा कोरोना संक्रमण.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

भले ही हम इस बात से खुश हो लें या संतोष जाहिर कर लें कि भारत में कोविड-19 (COVID-19) संक्रमण के चलते मृत्यु दर अन्य देशों के मुकाबले काफी कम है. इसके साथ ही संक्रमण के मामलों को एक लाख तक पहुंचने में भी काफी अधिक समय लगा है. यह अलग बात है कि भारत में कोरोना वायरस संक्रमण एशिया (Asia) में सबसे तेज गति से आगे बढ़ रहा है. जॉन्स हॉपकिंस विश्वविद्यालय के आंकड़ों के मुताबिक 130 करोड़ लोगों के देश में 101,328 लोग संक्रमित थे, जिसमें मंगलवार तक 3,000 से अधिक की मौत हो चुकी थीं. स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, मंगलवार को 5,242 नए मामले सामने आये थे.

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प्रति लाख पर 7.1 मामले, लेकिन मृत्युदर दुनिया में बेहतर
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि भारत में प्रति लाख आबादी पर कोरोना वायरस के मामलों की संख्या 7.1 है, जबकि वैश्विक आंकड़ा प्रति एक लाख की आबादी पर 60 मामलों का है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के हवाले से कहा गया कि सोमवार तक दुनिया भर में कोरोना वायरस के 45,25,497 सामने आए हैं यानी संक्रमण की दर प्रति एक लाख आबादी पर 60 लोगों की है. मंत्रालय ने कहा कि भारत में अब तक प्रति एक लाख आबादी पर कोविड-19 से मौत के करीब 0.2 मामले आए हैं जबकि दुनिया का आंकड़ा 4.1 मृत्यु प्रति लाख का है. अधिकारियों ने यह भी कहा कि भारत में संक्रमण के मामले 64 दिन में 100 से एक लाख तक पहुंचे हैं, जो अमेरिका और स्पेन जैसे देशों की तुलना में दोगुने से अधिक समय है.

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तेजी से बढ़े पिछले हफ्ते में कोरोना के मामले
ब्लूमबर्ग के कोरोना वायरस ट्रैकर के अनुसार पिछले हफ्ते से मामलों में 28% की वृद्धि के साथ भारत अब सबसे बुरी तरह से महामारी की चपेट में आने वाले देशों में से है. पड़ोसी पाकिस्तान में 903 मौतों सहित 42,125 मामले हैं. ट्रैकर के मुताबिक इसी अवधि में पाकिस्तान के मामलों में 19% की बढ़ोत्तरी हुई है. अर्थव्यवस्था को खोले जाने से संक्रमण के मामलों में बढोत्तरी होगी, इस बात को जोड़ते हुए पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया के एडिशनल प्रोफेसर राजमोहन पंडा ने कहा, 'चुनौतियां बड़ी हैं लेकिन दो-तरफा रणनीति संक्रमणों को कम करने और कर्व को फ्लैट करने में मदद करेगी.' उन्होंने कहा, 'उप जिला स्तरीय नियंत्रण उपायों पर जोर देने के साथ, अब कम आय वाली बस्तियों पर ध्यान देने को प्राथमिकता दी जानी चाहिए.'

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आर्थिक गतिविधियों के शुर होने में अड़चनें हजार
गौरतलब है कि सोमवार से लॉकडाउन 4.0 की शुरुआत के साथ ही केंद्र सरकार दुनिया के सबसे बड़े लॉकडाउन के आर्थिक प्रभाव को कम करने की उम्मीद कर रही है. फिर भी, कंपनियों को कारखानों को फिर से खोलने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. शहरों से लाखों प्रवासी कामगारों का अपनी नौकरियां छोड़कर या न होने के चलते अपने गृहनगर, गांव चले जाना और उनकी वापसी की अनिच्छा ऐसी वजहें हैं, जिनके चलते अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण चुनौतियों में से एक खड़ी हो सकती है, जो कम से कम पिछले चार दशक में पहली बार देश की अर्थव्यवस्था के संकुचन के लिए जिम्मेदार हो सकती है.

HIGHLIGHTS

  • भारत में प्रति लाख आबादी पर कोरोना वायरस के मामलों की संख्या 7.1.
  • पिछले हफ्ते 28% की वृद्धि के साथ भारत अब बुरी तरह से महामारी की चपेट में.
  • कोविड-19 से मौत के करीब 0.2 मामले आए हैं जबकि दुनिया का आंकड़ा 4.1 मृत्यु प्रति लाख.
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