देश की 40 करोड़ आबादी को अभी भी कोरोना से खतरा: ICMR
देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर भले ही धीमी पड़ गई हो, लेकिन कोविड संक्रमण का खतरा अभी पूरी तरह से टला नहीं है
highlights
- आईसीएमआर ने कहा कि कोरोना का खतरा अभी टला नहीं
- देश की 40 प्रतिशत आबादी अभी भी कोरोना के खतरे में
- आईसीएमआर ने चौथे सीरो सर्वे के हलवाले से यह जानकारी दी
नई दिल्ली:
देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर भले ही धीमी पड़ गई हो, लेकिन कोविड संक्रमण का खतरा अभी पूरी तरह से टला नहीं है. कोरोना से खतरे का अंदाजा आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद यानी आईसीएमआर के उस बयान से लगाया जा सकता है, जिसमें कहा गया है कि देश की 40 करोड़ आबादी को अभी कोरोना संक्रमित होने का खतरा है. दरअसल, मंगलवार को आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव ने कहा कि देश के दो तिहाई लोगों में इस वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी पाई गई है, लेकिन एक तिहाई आबादी अभी भी कोरोना के खतरे में हैं. आपको बता दें कि डॉ. भार्गव ने हाल ही में हुए चौथे सीरो सर्वे के हलवाले से यह जानकारी दी.
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डॉ. भार्गव ने कहा कि कोरोना को लेकर हुए चौथे सीरो सर्वे में छह से सात साल तक के 28975 लोगों को शामिल किया गया था. इन लोगों में से 62 प्रतिशत को कोरोना वैक्सीन नहीं लगाई गई थी. जबकि 24 प्रतिशत ने वैक्सीन की एक डोज और 14 प्रतिशत ने दोनों डोज ले रखी थीं. भार्गव ने बताया कि इस सर्वे में सीरो प्रीवलेंस 67 प्रतिशत मिला है. ICMR के DG डॉ बलराम भार्गव ने बताया राष्ट्रीय सीरोसर्वे का चौथा दौर जून-जुलाई में 70 जिलों में आयोजित किया गया था और इसमें 6-17 वर्ष की आयु के बच्चे शामिल थे.
We studied 7252 healthcare workers & 10% had not taken the vaccine, the overall seroprevalence in them was 85.2%. In conclusion, 2/3rd of general population i.e above the age of 6 yrs had SARS-CoV-2 infection: ICMR DG Dr Balram Bhargava pic.twitter.com/WLPkDnxU0j
— ANI (@ANI) July 20, 2021
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डॉ बलराम भार्गव ने कहा कि पुरुष और महिला और ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में सिरोप्रवैलेंस में कोई अंतर नहीं था. जिन लोगों ने वैक्सीन की एक भी डोज नहीं ली थी उनमें सिरोप्रवैलेंस 62.3% था और टीके की एक खुराक के साथ, यह 81% था. दोनों खुराक लेने वालों में यह 89.8% थी. उन्होंने बताया कि संपूर्ण जनसंख्या में समग्र सिरोप्रवैलेंस 67.6% पाया गया. 6-9 वर्ष आयु वर्ग के लोगों में यह 57.2% मिला. 10-17 वर्षों के बच्चों में, यह 61.6% और 18-44 साल के लोगों में यह 66.7% था. जबकि 45-60 उम्र के लोगों में यह 77.6% दर्ज किया गया.
More importantly, a third of the population did not have antibodies i.e 40 crore of the population of the country is still vulnerable: ICMR DG Dr Balram Bhargava on Fourth National Serosurvey for Covid-19 pic.twitter.com/HrmO3z13nw
— ANI (@ANI) July 20, 2021
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डॉ. भार्गव ने कहा कि हमने 7252 स्वास्थ्य कर्मियों का अध्ययन किया और इनमें से 10% ने टीका नहीं लिया था, उनमें समग्र सिरोप्रवैलेंस 85.2% था. निष्कर्ष के तौर पर, सामान्य आबादी के 2/3 यानी 6 साल से अधिक उम्र के लोगों को SARS-CoV-2 संक्रमण था.
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