logo-image

भारत में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा के इस्तेमाल पर लगी मुहर, ICMR ने जारी नई गाइडलाइंस

आईसीएमआर (ICMR) ने कोरोना वायरस (Coronavirus) को मात देने के लिए हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है.

Updated on: 23 May 2020, 05:33 PM

नई दिल्ली:

आईसीएमआर (ICMR) ने कोरोना वायरस (Coronavirus) को मात देने के लिए हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है. मलेरिया के इलाज में इस्तेमाल होने वाली इस दवा का अब बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जाएगा. आईसीएमआर ने 1323 हेल्थकेयर वर्कर्स पर दवा के प्रभाव के आंकलन के बाद इसकी मंजूरी दी है.

इससे पहले रिपोर्ट में यह बात सामने आई थी कि ICMR इस दवा को अपने प्रोटोकॉल से हटा सकता है. लेकिन अब इसका इस्तेमाल किया जाएगा. अब नई गाइडलाइंस के मुताबिक सभी सावधानियां बरतते हुए हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन उन सभी स्वास्थ्यकर्मी को दी जा सकती है जो कोरोना संक्रमितों के इलाज में लगे हुए हैं

इसे भी पढ़ें: बैंक खाते में 31 मई तक रखें 342 रुपये, 4 लाख की मिलेगी सुरक्षा, जानें पूरा गणित

हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा क्वारंटीन केंद्रों में तैनात हेल्थवर्क के अलावा अस्पतालों में जो स्वास्थ्यकर्मी काम कर रहे हैं. उन्हें देने को कहा गया है. जिसमें कोरोना के लक्षण नहीं है. इसके साथ ही कोरोना वॉरियर्स जैसे की पुलिसकर्मी, सेना के जवान को भी यह दवा देने की सिफारिश की गई है जो कंटेनमेंट जोन में तैनात हैं.

नई गाइडलाइंस के मुताबिक कोरोना संक्रमितों के परिवार वालों को भी यह दवा दी जा सकती है. इसके साथ ही इस दवा को गर्भवती महिला और 15 साल के कम उम्र वाले बच्चों को देने से मना किया गया है. नई गाइडलाइंस में इसकी मनाही की गई है.

और पढ़ें: रेलवे का बड़ा ऐलान- अगले 10 दिन में 2600 ट्रेनें चलाने का लक्ष्य, पोस्ट आफिस समेत यहां मिलेंगे टिकट

इसके अलावा कहा गया है कि इस दवा के इस्तेमाल से कोई भी साइड इफेक्ट्स दिखाई देता है तो इस दवा को तुरंत बंद कर दें. इसके अलावा जो लोग रेटिनोपैथी से पीड़ित हैं उन्हें ये दवा लेने की मनाही है.

हालांकि हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के प्रभाव को लेकर सवाल उठते रहे हैं. हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस दवा को बेअसर बताया था. इसके साथ ही 'दि लांसेट' पत्रिका में एक शोध प्रकाशित हुआ था जिसमें कहा गया था कि यह दवा वायरस को रोकने में प्रभावी नहीं है. इस दवा का सेवन करने वालों लोगों में कोरोना वायरस से मरने की आशंका ज्यादा पाई गई है.