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ट्रेन में पति ने तोड़ा दम, पत्नी नींद में सोया जान बगल में बैठी करती रही सफर...पढ़ें पूरी खबर

एक महिला अपने पति, दो बच्चों और एक साथी के साथ सूरत से अयोध्या की यात्रा कर रही थी. इस दौरान उसका पति ट्रेन में ही सो गया, लेकिन कई घंटों के बाद भी जब वह नहीं जागा तो आसपास बैठे लोगों को कुछ शक हुआ

Updated on: 04 Jan 2024, 11:28 AM

New Delhi:

उत्तर प्रदेश के झांसी से बड़ी खबर सामने आई है. यहां साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन के स्लीपर कोच में बैठे यात्री करीब 13 घंटे तक एक शव के साथ सफर करते रहे. अहमदाबाद से चलकर अयोध्या जा रही यह ट्रेन जब झांसी पहुंची तो शव को कोच से उतारा गया. इसके बाद जीआरपी ने बॉडी को कब्जे में लेकर आगे की प्रक्रिया शुरू कर दी. 13 घंटे के यात्रा के दौरान मृतक की पत्नी शव के साथ ही बैठी रही. 

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पति और दो बच्चों के साथ ट्रेन में सफर कर रही थी महिला

दरअसल, एक महिला अपने पति, दो बच्चों और एक साथी के साथ सूरत से अयोध्या की यात्रा कर रही थी. इस दौरान उसका पति ट्रेन में ही सो गया, लेकिन कई घंटों के बाद भी जब वह नहीं जागा तो आसपास बैठे लोगों को कुछ शक हुआ. लोगों ने शख्स को जगाने का प्रयास किया, लेकिन उसकी सांसें तम चुकी थीं. जीआरपी से मिली जानकारी के अनुसार रामकुमार अपनी पत्नी, दो बच्चों और एक साथी सुरेश यादव के साथ साबरमती एक्सप्रेस के स्लीपर कोच क्रमांक एस-6 की सीट संख्या 43,44 और 45 पर यात्रा कर रहे थे. अयोध्या के इनायत नगर स्थित मजलाई गांव के निवासी रामकुमार सूरत से अयोध्या के लिए ट्रेन में बैठे थे. सुरेश ने बताया कि यात्रा के दौरान रामकुमार रात को सीट पर ही सो गए थे. अगली सुबह जब रामकुमार नहीं जागे तो उनको जगाने का प्रयास किया गया, लेकिन उनमे कोई हलचल नहीं दिखाई दी. बाद में चेकअप करने पर देखा गया कि उनकी धड़कनें बंद हो चुकी थी. 

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सुबह जगाने का किया गया प्रयास लेकिन सांसें थमीं

सुरेश ने बताया कि रामकुमार की पत्नी और बच्चे उनके साथ थे, इसलिए उनको उनके निधन की सूचना नहीं दी गई. रात करीब 8 बजे जब ट्रेन झांसी स्टेशन पहुंची तो जीआरपी की मामले की जानकारी दी गई.  इसके बाद रामकुमार के शव को ट्रेन से उतारा गया. पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. रामकुमार की पत्नी प्रेमा ने बताया कि सुबह 8 बजे मैंने उनको जगाने का प्रयास किया, लेकिन वह बोल नहीं रहे थे. हालांकि उनका शरीर गरम था. सुरेश ने बताया कि रामकुमार सूरत में गाड़ी चलाने का काम करते थे. एक सड़क दुर्घटना में वह घायल हो गए थे. काफी इलाज के बाद वह ठीक नहीं हो पाए तो उनको फैजाबाद लेकर जा रहे थे. इस बीच वह बातचीत कर रहे थे और रात में आराम से सोए  थे. उनकी मौत कब और कौन सी जगह हुई कुछ  पता नहीं चल पाया.