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त्याग की मिसान बने सैकड़ो पुलिसकर्मी, 2 महीने से नहीं गए घर

कोरोना लॉक डाउन के बीच जहां आम लोगों का ज्यादातर वक्त अपने घर-परिवार के बीच बीत रहा हैं, वही कोराना से सीधे मुकाबला कर रही दिल्ली पुलिस के सैकड़ों जवानों को अपने घर की दहलीज तक देखना नसीब नहीं हुआ है.

Updated on: 21 May 2020, 11:26 AM

नई दिल्ली:

कोरोना लॉक डाउन के बीच जहां आम लोगों का ज्यादातर वक्त अपने घर-परिवार के बीच बीत रहा हैं, वही कोराना से सीधे मुकाबला कर रही दिल्ली पुलिस के सैकड़ों जवानों को अपने घर की दहलीज तक देखना नसीब नहीं हुआ है. वे दो महीने से घर नहीं गए हैं. कर्त्व्य और त्याग की मिसाल बन रहे हैं. ऐसे समय में थाने का स्टाफ, साथी पुलिस कर्मी और एरिया की पब्लिक ही उनके लिए परिवार की तरह है.

इस तरह वह अपने परिवार को भी सुरक्षित रख रहे हैं. एसएचओ मधु विहार राजीव कुमार, एसएचओ पटेल नगर रमेश चंद्र और एसएचओ आनंद पर्वत और उनकी टीम के कुछ पुलिस कर्मियों न्यूज नेशन से बातचीत में कहा की इस समय तमाम थानों की पुलिस लॉकडाउन का पालन कराने के साथ प्रवासी मजदूर, बेसहारा, झुग्गी बस्ती और शेल्टर होम में रहने वालों को नियमित खाना उपलब्ध कराना, सोशल डिस्टिेंसिंग, कोरोना से 24 घंटे आने वाली आपात कॉल पर काम करने में व्यस्त है.

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ऐसे में बतौर थानाध्यक्ष स्टाफ का मोटिवेशन और उनकी समस्याओं को दूर करना भी उनकी ही जिम्मेदारी है. इन कार्यों के चलते वह दिन भर तमाम लोगों को संपर्क में आते हैं. यही वजह से पुलिस में कोरोना पॉजिटिव होने के केस लगातार बढ़ रहे हैं. इस समय 200 से ज्यादा पुलिस के जवान संक्रिमित हो चुके हैं.

जिनके घर दिल्ली से बाहर राजस्थान और हरियाणा में हैं या जिन्हें लगता है कि उनके बार-बार घर जाने से परिवार तक संक्रमण पहुंच सकता है, वह घर नहीं जा रहे. लॉकडाउन शुरू होने से लेकर दो माह बीत रहे हैं, लेकिन हर थाने में 5 से 15 पुलिस कर्मी ऐसे हैं जो बैरक में रहे, गेस्ट हाउस में रहे, लेकिन घर नहीं गए. इस तरह थानों में तैनात ढाई हजार से ज्यादा पुलिसकर्मी है, जिन्हें घर जाना नसीब नहीं हुआ. बटालियन के जवानों की संख्या अलग है, जो अलग अलग पॉइंट्स पर तैनात किए जाते हैं.

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महिला पुलिस कर्मियों ने बताया कि उनके घर में बच्चे और बुजुर्ग हैं, जिनके लिए उनका ड्यूटी के बाद घर जाना जरूरी भी है, लेकिन ड्यूटी की इमरजेंसी और परिवार की सुरक्षा के लिए वह भी घर नहीं जा रही हैं. 

एसआई सोहनलाल ने बताया कि वह कोरोना से जुड़ी कॉल्स को 24 घंटे डील कर रहे हैं. चाहे पेशंट को अस्पताल पहुंचाना हो, काउंसलिंग करनी हो, क्वारंटीन करवाना हो, ये सारे काम वह अपनी टीम के साथ करते हैं ऐसे में घर से दूरी ही भली है. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि ऐसे समय में वह साथियों की मैरिज एनवर्सरी और बर्थडे तक आपस में मिलकर सेलीब्रेट करते हैं.