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पेगासस जासूसी मामले में सोमवार तक टली सुनवाई, केंद्र दाखिल नहीं कर पाया जवाब

पेगासस जासूसी मामले में सुप्रीम कोर्ट में सोमवार तक के लिए सुनवाई टल गई है. सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने सुनवाई टालने का आग्रह किया था. तुषार मेहता ने कहा था  कि अभी हम जवाब दाखिल नहीं कर पाए है, स्टैंड क्लियर करने के लिए वक़्त चाहिए.

Updated on: 07 Sep 2021, 12:08 PM

highlights

  • कथित तौर पर 300 से ज्यादा हस्तियों के फोन हैक करने का दावा
  • केंद्र सरकार ने दिया विशेषज्ञों की कमेटी बनाने का सुझाव
  • संसद के मानसून सत्र में हुआ था जोरदार हंगामा  

नई दिल्ली:

पेगासस जासूसी मामले में सुप्रीम कोर्ट में सोमवार तक के लिए सुनवाई टल गई है. सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने सुनवाई टालने का आग्रह किया था. तुषार मेहता ने कहा था  कि अभी हम जवाब दाखिल नहीं कर पाए है, स्टैंड क्लियर करने के लिए वक़्त चाहिए. कोर्ट ने केंद्र सरकार को सोमवार तक का समय दिया है. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने सरकार को नोटिस जारी करते हुए कहा था कि वह सरकार का जवाब देखने के बाद आदेश पर विचार करेगा. इस मामले की निष्पक्ष जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट में 15 याचिकाएं लंबित हैं. कोर्ट ने 17 अगस्त को केंद्र को विस्तृत जवाब का समय देते हुए सुनवाई 10 दिन के लिए टाली थी.

क्या कहा गया है याचिकाओं में 
कोर्ट में दायर याचिकाओं में सरकारी एजेंसियों की ओर से विशिष्ट नागरिकों, नेताओं और पत्रकारों की इजराइली स्पाइवेयर पेगासस के जरिए कथित जासूसी की खबरों के संबंध में जांच कराने का अनुरोध किया गया है.पत्रकारों की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कोर्ट से कहा था कि याचिका के व्यापक असर को देखते हुए इस पर तत्काल सुनवाई की जरूरत है. इसके साथ ही याचिका में कहा गया है कि कथित जासूसी भारत में विरोध की स्वतंत्र अभिव्यक्ति को दबाने और हतोत्साहित करने के एजेंसियों और संगठनों के प्रयास का नमूना है.

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याचिका में केंद्र को आदेश देने की मांग  
इसके अलावा याचिका में यह भी लिखा गया है कि यदि सरकार ने या फिर उसकी एजेंसियों ने पेगासस स्पाइवेयर का लाइसेंस लिया, प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तरीके से इसका इस्तेमाल किया गया या फिर किसी तरह की निगरानी रखी गई तो केंद्र को इस बारे में खुलासा करने का आदेश दिया जाए. याचिकाओं में कहा कहा गया है कि यह मुद्दा नागरिकों की स्वतंत्रता को प्रभावित करने वाला है. इसका पता लगाया जाना चाहिए कि सच्चाई क्या है. विपक्षी नेताओं, पत्रकारों यहां तक की अदालत कर्मियों को भी निगरानी में रखा गया. सुप्रीम कोर्ट में पेगासस मामले की निष्पक्ष जांच के लिए 15 याचिकाएं लंबित हैं. यह याचिकाएं वरिष्ठ पत्रकार एन राम, राज्यसभा सांसद जॉन ब्रिटास, पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा समेत कई जाने-माने लोगों की है. उन्होंने राजनेताओं, पत्रकारों, पूर्व जजों और सामान्य नागरिकों की स्पाईवेयर के ज़रिए जासूसी का आरोप लगाया है. 

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कथित तौर पर 300 से ज्यादा हस्तियों का फोन हैक करने का दावा
बता दें कि इजरायली कंपनी एनएसओ के पेगासस सॉफ्टवेयर से भारत में कथित तौर पर 300 से ज्यादा हस्तियों के फोन हैक किए गए हैं. दावा किया जा रहा है कि जिन लोगों के फोन टैप किए गए उनमें कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव और प्रह्लाद सिंह पटेल, पूर्व निर्वाचन आयुक्त अशोक लवासा और चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर सहित कई पत्रकार भी शामिल हैं.