अपने किसी खास को अफगान राष्ट्रपति बनाना चाहती है ISI, ये नाम सबसे आगे
आईएसआई चीफ फैज हामिद ने बीते शनिवार को काबुल की यात्रा कर तालिबान लीडरशिप से मुलाकात की थी. पाक की इच्छा है कि अफगान आर्मी का फिर से गठन किया जाए.
highlights
- तालिबान जल्द कर सकता है नई सरकार का गठन
- आईएसआई का तालिबान के साथ जारी है मंथन
- मुल्लाह हसन अखुंद का नाम चल रहा सबसे आगे
काबुल:
तालिबान के नए सरकार के गठन को लेकर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI पूरी तरह एक्टिव हो गई है. वह अफगानिस्तान में अपने खास को सरकार का मुखिया बनाना चाहती है. खबर है कि पाकिस्तान की मदद से ही एक छोटे-मोटे या यूं कह लें जिसे दुनिया नहीं जानती, ऐसे तालिबानी नेता मुल्लाह हसन अखुंद को राष्ट्रपति पद पर बैठाया जाएगा ताकि संगठन के दोनों धड़ों में हो रही उठापटक पर विराम लगाया जा सके सूत्रों के मुताबिक आईएसआई चीफ फैज हामिद ने बीते शनिवार को काबुल की यात्रा कर तालिबान लीडरशिप से मुलाकात की थी. पाक की इच्छा है कि अफगान आर्मी का फिर से गठन किया जाए.
आईएसआई कर रही तालिबान से बातचीत
सूत्रों के मुताबिक- पाकिस्तान को अपने पसंद की सेना सिर्फ हक्कानी के साथ मिल सकती है. काबुल में ISI चीफ ने हामिद करजई, अब्दुल्ला अब्दुल्ला और गुलुबुद्दीन हिकमतयार से मुलाकात की थी. पाकिस्तान यह भी चाहता है कि करजई और अब्दुल्ला को तालिबान नई सरकार में शामिल करे, जिससे वैश्विक स्तर पर सरकार को कुछ वैधता मिल सके. हामिद करजई अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हैं जबकि अब्दुल्ला अब्दुल्ला देश के पूर्व चीफ एक्जिक्यूटिव ऑफिसर हैं. गुलुबुद्दीन हिकमतयार देश के पूर्व प्रधानमंत्री हैं.
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अभी तक अफगानिस्तान में मुल्लाह बरादर, हक्कानी नेटवर्क के बीच सत्ता को लेकर खींचतान जारी थी. नए फॉर्मुला के तहत, मुल्लाह बरादर और मुल्लाह उमर के बेटे मुल्ला याकूब को मुल्लाह याकूब के अंदर उपराष्ट्रपति पद दिया जाएगा. इतना ही नहीं वैश्विक आतंकियों की सूची में शामिल हक्कानी नेटवर्क के सिराज हक्कानी को सबसे अहम गृह मंत्रालय का जिम्मा दिया जा सकता है. वहीं, तालिबान के हिबतुल्लाह अखुंदजादा को 'सुप्रीम नेता' बनाया जाना भी तय माना जा रहा है.
मुल्लाह हसन अखुंद ने 2001 में अमेरिकी सेना के आने से पहले भी तालिबानी शासन में मंत्री पद संभाला है. कयास यह भी लगाए जा रहे हैं कि हाल ही में हुए पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के चीफ के काबुल दौरे पर मुल्लाह हसन अखुंद के नाम पर सहमति बन गई है. ISI चीफ फैज हामिद अब वापस इस्लामाबाद भी जा चुके हैं. मुल्लाह हसन अखुंद का जन्म कंधार में हुआ था, जिसे तालिबान की जन्मस्थली भी माना जाता है. अखुंद के पास फिलहाल तालिबान के शक्तिशाली संगठन रहबरी शूरा की कमान है, जो अहम फैसले लेती है. इतना ही नहीं मुल्लाह हसन तालिबान के सर्वोच्च नेता हिबतुल्लाह अखुंदजादा का करीबी भी माना जाता है.
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