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कोरोनाः ग्रामीण क्षेत्र को बचाने की कोशिश, गांव के लिए जारी की नई गाइडलाइन

केंद्र सरकार ने बताया कि अब धीरे-धीरे पेरी-अर्बन, ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में भी कोरोना का फैलाव देखा जा रहा है. नई गाइडलाइन में स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए निगरानी, स्क्रीनिंग और आइसोलेशन पर जोर दिया है.

Updated on: 16 May 2021, 02:47 PM

highlights

  • हर गांव पर रखी जाएगी नजर
  • अस्पताल जाने वाले हर व्यक्ति पर रखी जाएगी नजर

नई दिल्ली:

देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) की दूसरी लहर का प्रकोप जारी है. दूसरी लहर में महामारी ने शहरों के साथ-साथ ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों (Rural and Tribal Areas) में भी अपने पैर पसार लिए हैं. ऐसे में केंद्र सरकार ने गांवों और आदिवासी क्षेत्रों के लिए अलग से गाइडलाइन (New SOP For Rural Areas) जारी की है ताकि इसका संक्रमण रोका जा सके. केंद्र सरकार (Modi Government) ने बताया कि अब धीरे-धीरे पेरी-अर्बन, ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में भी कोरोना का फैलाव देखा जा रहा है. नई गाइडलाइन में स्वास्थ्य मंत्रालय (Union Health Ministry) ने कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए निगरानी, स्क्रीनिंग और आइसोलेशन पर जोर दिया है.

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स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने नई गाइडलाइन जारी करते हुए कहा कि ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में कोविड-19 के खिलाफ जंग को तेज करने के लिए समुदायों को सक्षम करने और सभी स्तरों पर प्राथमिक स्तर के स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की आवश्यकता है. स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशानिर्देशों में कहा गया है कि हर गांव में, ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता और पोषण समिति (VHSNC) की मदद से आशा द्वारा समय-समय पर इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी/गंभीर तीव्र श्वसन संक्रमण (ILI/SARI) के लिए सक्रिय निगरानी की जानी चाहिए.

हर गांव की होगी निगरानी 

स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशानिर्देशों में कहा गया है कि आशा कार्यकर्ताओं द्वारा हर गांव में ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता और पोषण समिति (VHSNC) की मदद से समय-समय पर इन्फ्लूएंजा जैसे बुखार/वायरल इंफेक्‍शन/गंभीर श्वसन संक्रमण आदि के लिए निगरानी की जानी चाहिए. इसके अलावा सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (CHO) से टेलीकंसल्टेशन के जरिए इन मामलों की तीव्रता जांचने के लिए कहा गया है. साथ ही जिन लोगों में ऑक्‍सीजन लेवल कम पाया जाता है या जिन लोगों को अन्‍य बीमारियां हैं, उन्‍हें जिला अस्‍पतालों या अन्‍य बड़े अस्‍पतालों में भेजने के लिए कहा गया है. साथ ही CHO को रैपिड एंटीजन टेस्‍ट (RAT) करने के लिए प्रशिक्षित करने को भी कहा गया है. 

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मरीजों को किया जाए आइसोलेट

नए दिशानिर्देशों में कहा गया है कि करीब 80-85 फीसदी मरीज बिना लक्षणों वाले या बेहद कम लक्षणों वाले आ रहे हैं, ऐसे मरीजों को अस्पताल में भर्ती किए जाने की जरूरत नहीं है. इन्हें घरों या कोविड केयर फैसिलिटी में आइसोलेट किया जाए. ये मरीज होम आइसोलेशन के दौरान केंद्र की मौजूदा गाइडलाइंस का पालन करें. इन मरीजों के परिवार के सदस्य भी गाइडलाइन के हिसाब से ही क्वारंटीन रहें. इस दौरान स्वास्थ्यकर्मी कोरोना बचाव संबंधी नियमों का पालन करते हुए लगातार उनके हालचाल लेते रहें. अगर किसी मरीज में गंभीर लक्षण नजर आते हैं तो तुरंत मेडिकल सुविधा दी जाए.