logo-image

ASI ने सीलबंद लिफाफे में पेश की ज्ञानवापी की सर्वे रिपोर्ट, इन चीजों के अवशेष भी सौंपे

Gyanvapi Survey Report: एएसआई ने आज (सोमवार) को ज्ञानवापी परिसर में किए गए वैज्ञानिक सर्वे की रिपोर्ट वाराणसी जिला अदालत में पेश कर दी.

Updated on: 18 Dec 2023, 03:32 PM

नई दिल्ली:

Gyanvapi Survey Report: वाराणसी की ज्ञानवापी परिसर में कराए गए वैज्ञानिक सर्वे की रिपोर्ट सोमवार को वाराणसी की जिला अदालत में पेश की गई. आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के एडिशनल डायरेक्टर ने वाराणसी के जिला जज को सील बंद लिफाफे में रिपोर्ट सौंपी. बता दें कि मुस्लिम पक्ष ने इस बात की मांग की थी कि बिना हलफनामे के किसी को भी रिपोर्ट सार्वजनिक करने की अनुमति न दी जाए. एएसआई ने सोमवार दोपहर जिला जज अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में रिपोर्ट पेश की. ज्ञानवापी के सर्वे की जब रिपोर्ट पेश की गई तब कोर्ट में हिंदू पक्ष के वकील विष्णु जैन समेत दोनों पक्ष मौजूद रहे. इसमें शृंगार गौरी की वादिनी महिलाएं भी शामिल थीं.

ये भी पढ़ें: PM Modi Varanasi Visit: पीएम मोदी ने स्वर्वेद महामंदिर का किया लोकार्पण, जानें कितनी आई है लागत?

एएसआई ने मांगा था तीन हफ्ते का वक्त

इससे पहले एएसआई ने 30 नवंबर को वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे की रिपोर्ट दाखिल करने के लिए तीन हफ्ते का समय मांगा था. हालांकि जिला अदालत ने एएसआई को 10 दिनों के अंदर रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया था. उसके बाद ASI ने एक बार फिर से सर्वे रिपोर्ट को पेश करने के लिए समय मांगा था. आखिरकर एएसआई ने 18 दिसंबर को वाराणसी जिला अदालत में एएसआई के वैज्ञानिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट पेश कर दी.

सूत्रों के मुताबिक, एएसआई ने 1500 पेज से ज्यादा की रिपोर्ट तैयार कर जिला अदालत में पेश की है. वहीं सर्वे के दौरान ज्ञानवापी परिसर में एएसआई को मिली खंडित मूर्तियां, घड़ा, चिह्न जैसे 250 अवशेष भी मिले हैं. इन अवशेषों को भी जिलाधिकारी की निगरानी में लॉकर में जमा कराया गया था. इन अवशेषों को भी एएसआई ने कोर्ट में पेश किया है.

ये भी पढ़ें: IPL 2024 Auction : कब कहां और कितने बजे से देख सकेंगे ऑक्शन? यहां मिलेगी हर छोटी-बड़ी डीटेल

100 दिनों तक चले सर्वे की कराई गई वीडियोग्राफी

कोर्ट के आदेश पर ज्ञानवापी में करीब 100 दिनों तक एएसआई ने सर्वे किया. इस दौरान कोर्ट के आदेश पर सर्वे की वीडियोग्राफी भी की गई. सर्वे के दौरान दोनों पक्षों के लोग, ASI के साइंटिस्ट और स्थानीय प्रशासन के अधिकारी और कर्मचारी भी मौजूद रहे. एएसआई ने सर्वे रिपोर्ट को अदालत में पेश कर दिया है. इससे ये साफ हो जाएगा कि ज्ञानवापी परिसत में आखिर है क्या.

ये भी पढ़ें: Dunki Advance Booking Collection: डंकी ने एडवांस बुकिंग में कर ली धांसू कमाई, देखें टोटल कलेक्शन

जानिए ज्ञानवापी के विवाद की वजह

दरअसल, काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद का विवाद काफी पुराना है. ये भी लगभग अयोध्या विवाद की तरह ही है. ज्ञानवापी को लेकर हिंदू पक्ष दावा करता है कि साल 1669 में मुगल शासक औरंगजेब ने काशी विश्वनाथ मंदिर को तोड़कर ज्ञानवापी मस्जिद की स्थापना की थी, हालांकि मुस्लिम पक्ष इस बात से इनकार करता रहा है और वह इसे शुरू से ही मस्जिद होने का दावा करता रहा है.