अहमदाबाद में लॉकडाउन का पालन कराने गई पुलिस पर पथराव, उपद्रवियों पर दागे गए गैस के गोले

गुजरात (Gujarat) से आए दिन पुलिस और लोगों की बीच झड़प की तस्वीरें सामने आ रही है. शुक्रवार को अहमदाबाद के शाहपुर इलाके में पुलिस पर लोगों ने पथराव किया. जिसके बाद इलाके में भारी मात्रा में पुलिसबल की तैनाती कर दी गई है.

गुजरात (Gujarat) से आए दिन पुलिस और लोगों की बीच झड़प की तस्वीरें सामने आ रही है. शुक्रवार को अहमदाबाद के शाहपुर इलाके में पुलिस पर लोगों ने पथराव किया. जिसके बाद इलाके में भारी मात्रा में पुलिसबल की तैनाती कर दी गई है.

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nitu pandey
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अहमदाबाद में पुलिस पर पथराव( Photo Credit : प्रतिकात्मक फोटो)

गुजरात (Gujarat) से आए दिन पुलिस और लोगों की बीच झड़प की तस्वीरें सामने आ रही है. शुक्रवार को अहमदाबाद के शाहपुर इलाके में पुलिस पर लोगों ने पथराव किया. जिसके बाद इलाके में भारी मात्रा में पुलिसबल की तैनाती कर दी गई है. इसके साथ ही उपद्रवियों पर काबू पाने के लिए आंसू गैस के गोले भी दागे गए.

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बताया जा रहा है कि पुलिस शाहपुर इलाके में लोगों को लॉकडाउन (lockdown) का पालन कराने गई थी. इस दौरान लोगों ने पुलिसकर्मियों पर पत्थर फेंके. जिसके बाद पुलिस ने उन्हें शांत कराने के लिए आंसू गैस के गोले दागे. इसके साथ ही इलाके में शांति व्यवस्था कायम करने के लिए भारी संख्या में पुलिसबल की तैनाती कर दी गई है. 

गोटा इलाके में लॉकडाउन के नियम को तोड़ते हुए 2000 मजदूर इक्ट्ठा हुए

इधर, अहमदाबाद के गोटा इलाके में लॉकडाउन के नियमों की अनदेखी करते हुए करीब 2,000 प्रवासी मजदूर एक सरकारी कार्यालय के बाहर जमा हो गए. पुलिस ने कहा कि वे इस उम्मीद में यहां एकत्र हुए कि उन्हें किसी तरह उनके गृह प्रदेशों में लौटने का रास्ता मिल जाएगा. सुबह से मजदूरों की भीड़ स्पष्ट तौर पर उस अफवाह के कारण शुरू हुई जिसमें प्रवासी मजदूरों को रेलवे स्टेशन ले जाने वाली एक बस के सरकारी कार्यालय के बाहर पहुंचने की बात थी.गोटा पुल के पास उपजिलाधिकारी के कार्यालय के बाहर अचानक लोगों का हुजूम जुटने की खबर होने पर, पुलिस अधिकारी तत्काल मौके पर पहुंचे और मजदूरों को वहां से जाने के लिए मनाया.

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ज्यादातर श्रमिक उत्तर प्रदेश और बिहार के थे

ज्यादातर श्रमिक उत्तर प्रदेश और बिहार के थे. लॉकडाउन के बीच अपने गृह प्रदेशों को लौटने के इच्छुक प्रवासियों को ऑनलाइन आवेदन देना है. वे ऑफलाइन भी फॉर्म भर सकते हैं जिसे उन्हें जिलाधिकारी के तहत किसी निर्देशित कार्यालय में जमा कराना होगा. पुलिस के सहायक आयुक्त एम ए पटेल ने कहा कि उपजिलाधिकारी का यह कार्यालय भी ऐसे आवेदन स्वीकार करता है. जिन प्रवासियों को मंजूरी दी गई है उनसे पहले यहां आने को कहा गया था ताकि उन्हें बसों में रेलवे स्टेशन छोड़ा जा सके.

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अफवाह के बाद इक्ट्ठा हुए थे मजदूर

पटेल ने बताया कि चूंकि बृहस्पतिवार को यहां से श्रमिकों को ले जाने वाली एक बस रवाना हुई थी इसलिए एक अफवाह फैल गई कि जो कोई भी घर जाना चाहता है उन्हें यहां पहुंचना होगा. उन्होंने बताया कि इसलिए, करीब 2,000 श्रमिक बस में बैठने और फिर रेल में सवार होने की उम्मीद में सुबह से यहां जमा हो गए. 

(इनपुट भाषा)

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