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Greta Toolkit: 'आंदोलनजीवी' दिशा रवि के बाद कई और संदिग्ध रडार पर

सूत्रों के मुताबिक पुलिस को इस मामले में दो और संदिग्धों की तलाश है. इन्हें खोजने के लिए दिल्ली पुलिस (Delhi Police) की टीम मुंबई और कुछ अन्य जगहों पर छापेमारी कर रही है.

Updated on: 15 Feb 2021, 07:52 AM

highlights

  • दिशा रवि की गिरफ्तारी के बाद दो और नाम पुलिस रडार पर
  • पुलिस की जानकारी के मुताबिक बड़ी साजिश से इंकार नहीं
  • दिल्ली और मुंबई से आज और हो सकती हैं गिरफ्तारियां

नई दिल्ली:

ग्रेटा थनबर्ग (Greta Thunberg) टूल किट मामले में कथित क्लाइमेट एक्टिविस्ट दिशा रवि की गिरफ्तारी और 5 दिन की रिमांड तो महज शुरुआत भर है. सूत्रों के मुताबिक पुलिस को इस मामले में दो और संदिग्धों की तलाश है. इन्हें खोजने के लिए दिल्ली पुलिस (Delhi Police) की टीम मुंबई और कुछ अन्य जगहों पर छापेमारी कर रही है. दिल्ली पुलिस का कहना है कि दिशा रवि ने वॉट्सएप ग्रुप बनाया था और उसके जरिए टूलकिट दस्तावेज एडिट करके वायरल किया. दिशा टूल किट डॉक्यूमेंट (Toolkit) का मसौदा तैयार करने वाले षड्यंत्रकारियों के साथ काम कर रही थीं. दिशा रवि (Disha Ravi) पर आरोप है कि इसके जरिए इन लोगों ने देश के खिलाफ बड़ी साजिश तैयार की थी. गणतंत्र दिवस (Republic Day) पर दिल्ली खासकर लाल किले में हुई हिंसा के बाद सरकार ने भारत विरोधी ताकतों के खिलाफ अपना अभियान तेज कर दिया है. 

दिशा तो छोटी मछली है
दिशा रवि बेंगलुरु के एक निजी कॉलेज से बीबीए की पढ़ाई कर चुकी हैं और वह 'फ्राइडेज फॉर फ्यूचर इंडिया नामक संगठन की संस्थापक सदस्य भी हैं. वह टूलकिट का संपादन करने वालों में से एक हैं और दस्तावेज को बनाने एवं फैलाने के मामले में मुख्य साजिशकर्ता हैं. अधिकारी ने कहा कि रवि का लैपटॉप और मोबाइल फोन आगे की जांच के लिए जब्त किया गया है. साथ ही पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि क्या वह और भी लोगों के संपर्क में थी, जो इस मामले में संलिप्त हैं. खासकर पुलिस के रडार पर निकिता जैकब और शांतनु नाम के लोग हैं, जिन्होंने ग्रेटा टूलकिट में कहीं न कहीं से अपना योगदान दिया है. पुलिस का कहना है कि दिशा रवि इस मामले की छोटी कड़ी हैं. आने वाले समय में कई गिरफ्तारियां होना बाकी हैं। क्लाइमेट एक्टिविस्ट दिशा रवि पर आरोप है इसने किसानों से जुड़ी टूलकिट को एडिट कर उसमें कुछ चीजें जोड़ी और फॉरवर्ड कर दिया. यही नहीं टूलकिट लीक होने पर उसने ही ग्रेटा से डिलीट करने को कहा था. 

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गूगल की जानकारी से खुल रहे रहस्य
पुलिस ने दिशा रवि का मोबाइल फोन भी बरामद किया है. इससे पहले दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को गूगल और अन्य सोशल मीडिया कंपनियों से ‘टूलकिट’ बनाने वालों से जुड़े ईमेल आईडी, डोमेन यूआरएल और कुछ सोशल मीडिया अकाउंट की जानकारी देने के लिए कहा था. दिशा रवि की गिरफ्तारी के बाद साइबर सेल उससे मामले को लेकर पूछताछ कर रही है. भारत के खिलाफ प्रोपेगेंडा वाले ग्रेटा थनबर्ग के टूलकिट मामले की जांच में यह पहली और बड़ी गिरफ्तारी है. स्पेशल सेल गणतंत्र दिवस पर हुई लाल किला हिंसा की साजिश के साथ-साथ टूलकिट मामले की भी जांच कर रही है. स्पेशल सेल की साइबर सेल ने 4 फरवरी को टूलकिट डॉक्यूमेंट के मामले में आईपीसी की धारा 124 ए, 153, 153 ए और 120 बी के तहत मामला दर्ज किया था. इस मामले में दिशा रवि ने जो ट्वीट किए थे. पुलिस के एक्शन में आते ही ट्वीट भी डिलीट कर दिए थे.

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3 फरवरी को ग्रेटा ने शेयर किया टूलकिट
1998 में जन्मी दिशा रवि ने माउंट कार्मेल कॉलेज से स्नातक किया है. मैसूरु में रहने वाले उनके पिता एथलीट कोच हैं, तो वहीं मां गृहणी हैं. दिशा रवि नार्थ बेंगलुरु के सोलादेवना हल्ली इलाके की रहने वाली हैं. दरअसल इस टूलकिट में बताया गया था किसान आंदोलन में सोशल मीडिया पर समर्थन कैसे जुटाए जाए. हैशटैग का इस्तेमाल किस तरह से किया जाए और प्रदर्शन के दौरान क्या किया जाए और क्या नहीं, सब जानकारी इसमें मौजूद थी. 3 फरवरी को एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग ने किसानों का समर्थन करते हुए इस टूलकिट को सोशल मीडिया पर शेयर किया था. बाद में इस टूलकिट को डिलीट कर दिया था.

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माहौल बिगाड़ने के लिए बनाई थी टूलकिट!
सेल सूत्रों का कहना है कि हिंसा को लेकर ट्विटर पर माहौल बिगाड़ने के लिए पूरी ‘टूलकिट’ अपलोड की गई थी. यह ‘टूलकिट’ गूगल डॉक्यूमेंट में बनाई गई थी. चूंकि ‘टूलकिट’ के अंदर कुछ इंस्टाग्राम प्रोफाइल, ट्विटर अकाउंट और ईमेल आईडी भी दिए गए थे, इसलिए दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने इन सभी के बारे में और इनके डोमेन आईडी भी गूगल से मांगे हैं. इस डॉक्यूमेंट में एक एक्शन प्लान के बारे में बताया गया था, जिसमें 26 जनवरी और उसके आसपास डिजिटल स्ट्राइक करनी है. यह एक अंतरराष्ट्रीय साजिश रची गई थी. पुलिस को पता चला है कि करीब 800 से अधिक ऐसे ट्विटर हैंडल हैं जिनसे किसान आंदोलन के नाम पर भारत सरकार के खिलाफ ट्वीट किए जा रहे थे. इस टूलकिट को बनाने में अलगाववादी समर्थक संगठन पोयटिक जिस्टस फाउंडेशन की भी अहम भूमिका है.

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कांग्रेस ने किया गिरफ्तारी का विरोध
कांग्रेस ने अपने रवैये के अनुरूप ही दिशा रवि की गिरफ्तारी का विरोध किया है. कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने ट्वीट किया, 'भारत बेतुका रंगमंच बन रहा है और यह दुखद है कि दिल्ली पुलिस उत्पीड़कों का औजार बन गई है. मैं दिशा रवि की गिरफ्तारी की कड़ी निंदा करता हूं और सभी छात्रों और युवाओं से आग्रह करता हूं कि वे निरंकुश शासन के खिलाफ आवाज उठाएं.' पी चिदंबरम ने एक और ट्वीट कर तंज कसा कि भारत के लिए चीन की घुसपैठ से ज्यादा खतरनाक एक टूलकिट है. उन्होंने लिखा, 'यदि माउंट कार्मेल कॉलेज की 22 वर्षीया छात्रा और जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि देश के लिए खतरा बन गई है, तो भारत बहुत ही कमजोर बुनियाद पर खड़ा है. चीनी सैनिकों द्वारा भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ की तुलना में किसानों के विरोध का समर्थन करने के लिए लाया गया एक टूक किट अधिक खतरनाक है!' कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भी दिशा की गिरफ्तारी का विरोध किया है. उन्होंने कहा कि यह पूर्ण रूप से अत्याचार है, यह अनुचित उत्पीड़न और धमकी है. शशि थरूर भी दिशा रवि की गिरफ्तारी का विरोध कर रहे हैं.