राहुल ने ‘सांठगांठ’ वाली कोई बात नहीं की, दूसरे नेताओं की टिप्पणी पर मैंने इस्तीफे की पेशकश की: आजाद
कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक महाभारत का कुरुक्षेत्र बन गया. चिट्टी को लेकर जबर्दस्त घमासान हो गया है. पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) को लिखे पत्र पर राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की टिप्पणी से कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं नाखुश नजर आए.
नई दिल्ली:
कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक महाभारत का कुरुक्षेत्र बन गया. चिट्टी को लेकर जबर्दस्त घमासान हो गया है. पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) को लिखे पत्र पर राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की टिप्पणी से कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं नाखुश नजर आए. राहुल गांधी के बयान से गुलाम नबी आजाद काफी गुस्से में दिखे. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने यह कभी नहीं कहा कि यह चिट्ठी बीजेपी की मिलीभगत से लिखी गई. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने ना तो कांग्रेस कार्यसमिति में या उससे बाहर कहा कि यह चिट्ठी बीजेपी के सांठ-गांठ में लिखी गई है. वहीं गुलाम नबी आजाद ने तो राहुल गांधी के बीजेपी से मिलीभगत के आरोप सिद्ध होने पर कांग्रेस से इस्तीफा देने की बात तक कह डाली है.
Rahul Gandhi never said it, neither in CWC or outside, that this letter (to Sonia Gandhi about party leadership) was written in collusion with BJP: Ghulam Nabi Azad, Congress (File pic) pic.twitter.com/nv0MWWyodV
— ANI (@ANI) August 24, 2020
राहुल गांधी की टिप्पणी को लेकर विवाद खड़ा हो गया
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने सोमवार को कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में राहुल गांधी की एक कथित टिप्पणी को लेकर विवाद खड़ा होने के बाद कहा कि पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने सोनिया गांधी को पत्र लिखने वाले नेताओं की भाजपा के साथ सांठगांठ होने जैसी कोई बात नहीं की. उन्होंने यह भी कहा कि सीडब्ल्यूसी से बाहर के कुछ नेताओं ने ऐसा आरोप लगाया था जिसको लेकर उनकी तरफ से कहा गया कि आरोप साबित होने पर इस्तीफा दे देंगे. राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष ने ट्वीट किया, ‘‘मीडिया के एक हिस्से में यह गलत कहा जा रहा है कि मैंने सीडब्ल्यूसी की बैठक में राहुल गांधी से कहा कि वह भाजपा के साथ सांठगांठ के जरिए हम लोगों की ओर से पत्र लिखे जाने की बात साबित करें.
पत्र भाजपा की शह पर लिखा गया है
मैं स्पष्ट कर देता हूं कि राहुल गांधी ने न तो सीडब्ल्यूसी की बैठक के भीतर या बाहर ऐसा कहा कि यह पत्र भाजपा की शह पर लिखा गया है.’’ आजाद के मुताबिक, मैंने सिर्फ यह कहा था कि कल कांग्रेस के कुछ लोगों ने कहा था कि हमने भाजपा की तरफ से ऐसा किया. इस संदर्भ में मैंने कहा, ‘‘यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि मेरे कुछ साथियों (सीडब्ल्यूसी के बाहर के) ने हम पर भाजपा के साथ सांठगांठ का आरोप लगाया और अगर वो लोग यह साबित कर दें तो मैं इस्तीफा दे दूंगा. खबरों में कहा गया था कि सीडब्ल्यूसी की बैठक में राहुल ने कथित तौर पर यह कहा कि पत्र लिखने वाले नेता भाजपा के साथ साठगांठ कर रहे हैं.
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प्रियंका गांधी ने भी पत्र पर साइन करने वालों की मजम्मत कर दीं
राहुल गांधी ने पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखे पत्र की टाइमिंग औऱ मंशा पर सवालिया निशान लगाते हुए उन नेताओं को कठघरे में खड़ा कर दिया, जिन्होंने उस पर साइन किए थे. राहुल गांधी के इस बयान की तीखी प्रतिक्रिया होनी ही थी. राहुल गांधी का कहना था कि सोनिया गांधी को लिखे पत्र पर साइन करने वाले वास्तव में बीजेपी की ही मदद कर रहे हैं. राहुल गांधी के इस तीखे बयान के बाद प्रियंका गांधी ने भी इसी अंदाज में पत्र पर साइन करने वालों की मजम्मत कर दी.
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कांग्रेस से दे देंगे इस्तीफा
गुलाम नबी आजाद तो इतने आहत हो गए है कि उन्होंने बयान जारी कर दिया कि अगर आरोप सिद्ध हो गए तो वह कांग्रेस से इस्तीफा दे देंगे. कपिल सिब्बल ने भी राजस्थान और मणिपुर कांग्रेस संकट का हवाला देते हुए ट्वीट कर राहुल गांधी के आरोपों से नाराजगी जता दी. हालांकि कुछ देर बाद ही कपिल सिब्बल ने अपना ट्वीट वापस ले लिया. जाहिर है कांग्रेस में आमूलचूल बदलाव की मंशा से सोनिया गांधी को लिखे गए पत्र से कांग्रेस की खेमेबंदी सतह पर उभर कर आ गई है.
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