देश में पेट्रोल और डीजल की आसमान छूती कीमत (Petrol-Diesel Prices Hike) लोगों के लिए संकट का कारण बनी हुई हैं. तेल के बढ़ते दामों की वजह से आम आदमी बुरी तरह से परेशान है. वहीं, सरकार पर भी पेट्रोल और डीजल के दामों में कटौती करने का दबाव है, बावजूद जनता को कोई राहत नहीं मिल रही है. नतीजतन तेल की चढ़ती कीमतों से प्रभावित ट्रांसपोर्टेशन का असर रोजमर्रा में इस्तेमाल होने वाली अन्य चीजों पर पड़ रहा है. इस बीच, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कटौती को लेकर बड़ा बयान दिया है. निर्मला ने ईंधन की बढ़ती कीमतों के लिए पूर्व की यूपीए सरकार को जिम्मेदार ठहराया है.
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ऑयल बॉन्ड्स का बर्डन (Burden of Oil Bonds) मोदी सरकार पर
वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि पूर्व की कांग्रेस नीत यूपीए सरकार ने ईंधन की कीमतों को कम (Reduced Fuel Prices) करने के लिए 1.44 लाख करोड़ रुपए के ऑयल बॉन्ड्स (Oil Bonds) जारी किए थे. इसलिए मोदी सरकार यूपीए सरकार द्वारा अपनाए गए गलत तरीके का इस्तेमाल कर पेट्रोल और डीजल के दामों में कटौती नहीं कर सकती है. केंद्रीय मंत्री सीतारमण ने आगे कहा कि सप्रंग सरकार द्वारा जारी किए गए ऑयल बॉन्ड्स का बर्डन (Burden of Oil Bonds) मोदी सरकार पर आ पड़ा है. यही वजह है कि पेट्रोल-डीजल की कीमतें कम नहीं हो पा रही हैं.
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देशवासी ईंधन के आसमान छूती कीमतों से चिंतित हैं
केंद्रीय वित्त मंत्री सीतारमण ने यह भी कहा कि देशवासी ईंधन के आसमान छूती कीमतों से चिंतित हैं. लोगों की चिंता नाजायज भी नहीं है. लेकिन जब तक केंद्र और राज्य सरकार मिल बैठ कर इस मुद्दे पर चर्चा नहीं कर लेते हैं, तब तक पेट्रोल और डीजल की कीमतें नीचें नहीं आ पाएंगी. वित्त मंत्री ने स्पष्ट किया गया कि पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में भी किसी तरह की कटौती नहीं की जाएगी. यहां उन्होंने उत्पाद शुल्क न घटाने की वजह के बारे में भी विस्तार से बताया.
Source : News Nation Bureau